लखनऊ: तीन तलाक के दंश से जूझ रहीं मुस्‍लिम महिलाओं के लिए मंगलवार का दिन मंगल लेकर आया. सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने इसे छह माह के लिए देश में निरस्‍त कर दिया है. सुप्रीम इन फैसले का बसपा सुप्रीमो मायावती ने स्वागत किया है.

  • हालांकि अपने बयान में मायावती ने ये भी कहा कि अच्छा होता अगर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खुद मामले पर करवाई करता.
  • उन्होंने अपने बयान में कहा कि बोर्ड द्वारा कार्रवाई न किये जाने पर सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा है.
  • गौरतलब हो कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन तलाक के मुद्दे पर कानून बनाने को भी कहा है.
  • इस पर मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार समय पर बिना राजनीति के केंद्र सरकार कानून बनाये.

सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को दी मजबूती-

  • बता दें कि पांच जजों की बेंच में से तीन ने इसे पूरी तरह से असंवैधानिक करार देते हुए मुस्‍लिम महिलाओं को काफी मजबूती दी है.
  • विभिन्‍न सामाजिक संगठनों ने इसे काफी सराहा है.

ये भी पढ़ें :यूपी के 24 जिलों में बाढ़ से 72 लोगों की मौत

  • तीन तलाक के मुद्दे पर लंबे समय हक की लड़ाई लड़ रहीं जुबैदा ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्‍वागत करती हैं.
  • हालांकि, उन्‍होंने यह भी कहा कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया है.
  • मगर जल्‍द ही कोर्ट को मुस्‍लिम मर्दों को एक से ज्‍यादा शादी करने की छूट से भी रोकना चाहिए.

मुस्‍लिम धर्मगुरुओं की मिली-जुली प्रतिक्रिया-

  • वहीं, तीन तलाक पर आए इस फैसले के बाद मुस्‍लिम धर्मगुरुओं की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.
  • उनका कहना है कि तीन तलाक एक धार्मिक अधिकार का मसला है.
  • इस बारे में आए कोर्ट के फैसले को मानना जरूरी नहीं है.

ये भी पढ़ें :छात्रवृत्ति की जगह नेत्रहीन बच्चों को मिल रही अफसरों की लताड़ 

  • तीन तलाक को लेकर उनका मानना है कि धार्मिक अधिकारों पर हस्‍तक्षेप करने का अधिकार सिर्फ धर्मगुरुओं को है.
  • वे शरीयत लॉ के आधार पर ही अपना फैसला सुनाएंगे.
  • सुप्रीम कोर्ट को इस बारे में टिप्‍पणी करने का भले ही अधिकार है.
  • मगर उसे माना जाए यह जरूरी नहीं है.
  • खैर, वे इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि तीन तलाक के फैसले को क्‍यों तर्कसंगत नहीं माना जा सकता है.

ये भी पढ़ें :यहाँ रस्सी के रेलवे फाटक से बचाई जाती है लोगों की जान

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें