आधार कार्ड से जुड़ी प्राइवेसी मुद्दे के मामले पर सर्वोच्च न्यायालय के नौ जजों की संवैधानिक पीठ आज ऐतिहासिक फैसला दिया। नौ जजों की खंडपीठ ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है। कोर्ट के इस फैसले से आधार कार्ड योजना को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर आधार योजना को चुनौती दी गई थी और कहा गया था कि यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
यह भी पढ़ें…. आधार निजता मामले में 9 जजों की पीठ करेगी सुनवाई!
सर्वसम्मति से दिया फैसला :
- निजता मौलिक अधिकार है या नही? सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय पीठ ने एक मत से यह फैसला दिया।
- कोर्ट ने सर्वसम्मति से फैसला दिया कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है, यह जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकार का अभिन्न हिस्सा है।
- नौ जजों की खंडपीठ ने कहा कि यह अनुच्छेद 21 के तहत आता है।
- कोर्ट ने कहा निजता का हनन करने वाले कानून गलत।
यह भी पढ़ें… आधार कार्ड : प्राइवेसी समेत कई मुद्दों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई!
प्राइवेसी मामले में हुई सुनवाई :
- पांच जजों की बेंच ने 18 जुलाई को सुनवाई किया।
- कहा कि जरूरी है यह तय हो कि क्या संविधान के तहत निजता का अधिकार है या नहीं।
- आगे कोर्ट ने कहा कि इस मामले को नौ सदस्यों वाली पीठ के पास भेजा जाना चाहिए।
- कोर्ट ने कहा 1954 में 8 जजों की बेंच ने और 1962 में 6 जजों की बेंच यह फैसला सुना चुकी है कि निजता का अधिकार नहीं होता।
- इसलिए इस मामले में अटॉर्नी जनरल ने कहा कि 9 जजों की बेंच का गठन होना चाहिए।
यह भी पढ़ें… ‘पैन कार्ड’ को ‘आधार कार्ड’ से लिंक कराने की प्रक्रिया में इनको मिली छूट!
पहले तीन जजों की पीठ ने की थी सुनवाई :
- इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई किया था।
- कहा था कि आधार को लेकर निजता के हनन समेत जो मुद्दे आ रहे रहे हैं उनका हल 5 जजों की संविधान पीठ ही कर सकती है।
- कोर्ट ने याचिकाकर्ता और केंद्र को कहा कि वो मामले को चीफ जस्टिस के पास जाएं।
- आगे कहा कि संविधान पीठ के गठन की गुहार लगाएं।
- सुप्रीम कोर्ट ने आधार को लेकर अंतरिम रोक संबंधी आदेश जारी करने से इंकार कर दिया था।
- बता दें कि आधार को लेकर करीब 22 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई हैं।
यह भी पढ़ें… 5 जजों की संविधान पीठ करेगी आधार अधिनियम पर सुनवाई!