आखिरकार लखनऊ विकास प्राधिकरण में खेल कर करोड़ों रुपए की संपत्ति बनाने वाले एलडीए के बाबू नजर में आ गए हैं। एलडीए उपाध्यक्ष प्रभु एन. सिंह ने संपत्ति विभाग के सभी अधिकारियों व बाबुओं के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने सभी से अपनी व अपने परिवार की संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत करने की बात कही।
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विवादित प्रापर्टीज का भी मांगा ब्यौरा
- इसके साथ ही, उन्होंने उनसे अपने क्षेत्र में लैंड बैंक व डिस्प्यूटेड लैंड से संबंधित जानकारी देने को भी कहा।
- दरअसल, लखनऊ विकास प्राधिकरण में संपत्ति विभाग में तैनात बाबुओं पर हमेशा से करोड़ों की संपत्ति होने।
- परिवार में परिवारीजनों के नाम कई मकान होनेे की शिकायतें सामने आ चुकी हैं।
- आरोप यह भी है कि इन बाबुओं ने बीते वर्षों में विभिन्न योजनाओं में इस तरह के खेल किए।
- नतीजा, आवंटन से संबंधित विवाद खड़े हुए।
- यही नहीं, कई मामलों में मूल आवंटी की फाइल गायब होने आदि की बातें सामने आईं।
- मुक्तेश्वर ओझा इसका बड़ा उदाहरण है।
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- इसी तरह दो दर्जन के करीब ऐसे बाबू हैं जो वर्षों से घूम फिर कर संपत्ति में ही तैनात रहे और खूब धन अर्जित किया।
- इन्होंने पूर्व के वर्षों में उच्चाधिकारियों से साठगांठ कर उनकी भी खूब कमाई करवायी।
- बताया जाता है विभिन्न योजनाओं में इनके प्लाट आदि पड़े हुए हैं।
- वहीं, एलडीए के नियमानुसार कोई भी व्यक्ति चाहे वह एलडीए का कर्मचारी ही क्यों न हो।
- उसकी व उसके परिवार की एक से अधिक संपत्ति नहीं हो सकती।
- बावजूद इसके ऐसे आदेश कागजों में ही दर्ज रहे।
- बैठक की आहट के बाद बाबुओं में खुशफुसाहट आम रही।
- जानकारी के अनुसार, एलडीए वीसी प्रभु एन. सिंह ने सभी बाबुओं से अपनी व अपने परिवार की संपत्ति का ब्यौरा देेने को कहा।
- साथ ही निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में लैंड बैंक की जानकारी उपलब्ध कराएं।
- उन्होंने कहा कि जिस योजना में जो प्लाट या मकान विवादित हैं,उसकी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करें।
- इस मौके पर संपत्ति से जुड़े अधिकारी भी मौजूद रहे।
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