प्रदेश के सात राजकीय होम्योपैथिक कॉलेजों में मनमानी से तबादला करने से हड़कंप मच गया है। आपको बता दें कि प्रदेश के सात राजकीय होम्योपैथिक कॉलेजों में तैनात 83 में से 45 शिक्षकों का तबादला करने से ये समस्या खड़ी हुयी है। शिक्षकों का आरोप है कि सामूहिक तबादलों के माध्यम से शिक्षकों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
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शिक्षकों में आक्रोश
- सात राजकीय होम्योपैथिक कॉलेजों के 83 शिक्षकों में से 45 शिक्षकों का तबादला कर दिया गया है।
- अचानक हुए इस सामूहिक तबादले से शिक्षकों में आक्रोश है।
- उनका कहना है कि इस तरह का कदम अवैध वसूली के लिए उठाया गया है।
- इसकी शिकायत प्रांतीय होम्योपैथिक शिक्षक संघ ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की है।
- प्रांतीय होम्योपैथिक शिक्षक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल आयुष विभाग के सचिव सुधीर दीक्षित से भी मिल चुका है।
- जानकारी के मुताबिक इन सात राजकीय होम्योपैथिक कॉलेजों में 388 स्वीकृत पद हैं जबकि तैनाती मात्र 83 की है।
- स्थानांतरण नीति के मुताबिक 20 फीसदी शिक्षकों के ही तबादले होने चाहिए थे।
- लेकिन आयुष विभाग ने 83 में से 45 शिक्षकों के तबादले कर दिए।
- ऐसा करने से मुख्यमंत्री के आदेशों की भी अवहेलना की गयी है।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 अगस्त तक ही 20 फीसदी तबादले के आदेश दिए थे।
- जबकि आयुष विभाग ने 25 अगस्त को 45 शिक्षकों के तबादले का ओदश जारी किया है जो नियम विरुद्ध है।
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- उत्तर प्रदेश के सभी होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों में प्रयोगात्मक परीक्षाएं चल रही हैं।
- इसकी शिकायत भी मुख्यमंत्री योगी से की गयी है।
- संघ पूर्व महासचिव डॉ. आरसी यादव ने अपनी शिकायत में कहा है कि गलत ढंग से स्थानांतरण किए गए हैं।
- कुछ माह पूर्व जिन शिक्षकों का तबादला किया गया था, उन्हें फिर से उसी जिले में भेज दिया गया है।
- जिन्हें प्रोन्नत करके दूसरे कॉलेजों में भेजा गया था, वे पैसा देकर वापस आ गए हैं।
- अब शिक्षकों के स्थानांतरण की पूरी तरह से जांच करायी जाएगी।
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