राजधानी दिल्ली में आज विदेश मंत्रालय की सालाना प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की गयी थी। जहाँ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मीडिया से भारत की मौजूदा विदेश नीति पर बात की।
आतंकवाद और वार्ता साथ नहीं चल सकते है:
- विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान से वार्ता पर कहा कि, “दोनों देशों के बीच रिश्ते सहज हैं, पर हम कम सतर्क नहीं हुए हैं”।
- वार्ता पर उन्होंने कहा कि, ” पाकिस्तान के साथ आतंकवाद और वार्ता साथ नहीं चल सकते हैं”।
- पठानकोट हमले पर उन्होंने कहा कि, “पाकिस्तान अब डिनायल मोड में नहीं जाता है, साथ ही भारत चाहता है कि पठानकोट मामले में ठोस कार्यवाही हो”।
- एनआईए टीम को पाकिस्तान जाने की अनुमति न मिलने पर उन्होंने कहा कि, “एनआईए के जांच दल को मना नहीं किया गया था, उसके लिए थोड़ा समय माँगा है”।
- उन्होंने ये भी कहा कि, विदेशी सचिवों की यात्रा रद्द नहीं हुई है।
पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण सम्बन्ध हमारी आज भी प्राथमिकता:
- भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी पर उन्होंने कहा कि, ” भारत पडोसी देशों के लिए मददगार साबित हुआ है”।
- उन्होंने कहा कि, “नेपाल का भूकंप हो, अफगानिस्तान के तबाह हो चुके डैम का निर्माण या श्रीलंका में स्टेडियम भारत ने सबसे पहले मदद की”।
- उन्होंने ये भी कहा कि, “विदेश यात्राओं से देश में एफडीआई बढ़ा है”।
- आतंकवाद से अन्य देशों के रुझान पर उन्होने कहा कि, “हमारे आतंकवाद के मुद्दे पर हमें खाड़ी देशों का समर्थन है”।
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