ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक में सभी ने एक स्वर में कहा है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ पर किसी का भी दखल बर्दाश्त नहीं है। वहीं सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के फैसले पर विमर्श और बड़े स्तर पर सामाजिक सुधार लाने के सुझाव देने के लिए 10 सदस्यीय समिति बनाने का निर्णय लिया गया।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक-

  • मध्य प्रदेश में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक रविवार नौ घंटे से ज्यादा समय चली।
  • राजधानी भोपाल के खानू गांव स्थित इंदिरा प्रियदर्शनी महाविद्यालय के सभागार में दोपहर 12 बजे शुरू हुई बैठक रात नौ बजे तक चली।
  • इस बैठक में तीन तलाक को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ के फैसले और बाबरी मस्जिद जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
  • बैठक के बाद बोर्ड की ओर से विज्ञप्ति जारी की गई।
  • विज्ञप्ति में कहा गया है कि वे सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करते हैं।
  • समाज में जागृति लाने के लिए बोर्ड द्वारा अभियान चलाया जाएगा।
  • इतना ही नहीं दो दशक पहले ही बोर्ड द्वारा निकाहनामा का मॉडल फार्म बनाया जा चुका है।
  • बोर्ड के सदस्यों का कहना है कि वे केंद्र सरकार द्वारा विवाह को कानून के दायरे में लाने का विरोध कर रहे हैं, सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का विरोध नहीं है।

एक बार में तीन तलाक गलत-

  • एक बार में तीन तलाक को मुस्लिम पर्सनल लॉ में भी गलत माना गया है।
  • सरकार की ओर से न्यायालय में जो दलील दी गई है।
  • दलील में कहा गया है कि विवाह को कानून के दायरे में लाया जाए।
  • वह मुस्लिम पर्सनल लॉ और संविधान के खिलाफ है।
  • यह सीधे तौर पर मुस्लिम पर्सनल लॉ पर हमला है।
  • लिहाजा मुस्लिम समाज इस तरह के किसी भी दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा।
  • विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि बोर्ड की 16 अप्रैल को हुई बैठक में ही यह तय कर निर्णय लिया जा चुका है कि जो भी एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के जरिए तलाक लेगा, उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
  • इसके अतिरिक्त बोर्ड काजी, इमाम, मौलवी को हिदायत दी गई है कि वे भी एक बार में तीन बार तलाक कहने को हतोत्साहित करें।
  • विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि बोर्ड विभिन्न स्तर पर सामाजिक सुधार के कार्यक्रम चला रहा है।
  • जिसके जरिए महिलाओं और पुरुषों को जागरूक किया जा रहा है।

तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाईं रोक-

  • सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक़ पर फैसला सुनाते हुए मामले पर 6 महीने की रोक लगा दी है।
  • कोर्ट में पांच में से तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया।
  • साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन तलाक मामले पर कानून बनाने का आदेश दिया।
  • बता दें कि इस सुनवाई के लिए पांच अलग-अलग धर्मों के न्यायाधीशों की एक पीठ का गठन किया गया था।
  • इस पीठ की अध्यक्षता CJI खेहर द्वारा की गई।

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