सितंबर, 2008 में मालेगांव विस्फोट मामले के दो प्रमुख आरोपी सुधाकर चतुर्वेदी व सुहार द्विवेदी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने समानता के आधार पर जमानत दे दी। दोनों को 50 हजार रुपये की जमानत राशि व अन्य शर्तो के साथ जमानत दी गई।
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कर्नल को जमानत मिलने के बाद दायर की थी याचिका :
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीते महीने लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद एस. पुरोहित को जमानत दिए जाने के बाद चतुर्वेदी व द्विवेदी, उर्फ दयानंद पांडेय ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी।
- इससे पहले, इस मामले में एक अन्य प्रमुख आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को बंबई उच्च न्यायालय जमानत पर रिहा कर चुका है।
- साध्वी को स्वास्थ्य व दूसरे आधारों पर करीब 9 साल की हिरासत के बाद जमानत दी गई।
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29 सितंबर 2008 को हुआ बम ब्लास्ट :
- महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में भीड़भाड़ वाली नूरजी मस्जिद के पास 29 सितंबर, 2008 को जुम्मे की नमाज के बाद शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ।
- इस विस्फोट में छह लोग मारे गए और 100 लोग घायल हो गए।
- मालेगांव मुंबई से उत्तर में करीब 300 किलोमीटर दूर है।
- मस्जिद के पास किए गए इस विस्फोट को कांग्रेस ने ‘भगवा आतंकवाद’ नाम दिया था।
- क्योंकि पकड़े गए आरोपियों का ताल्लुक हिंदूवादी संगठनों से है।
- केंद्र में सत्ता बदलने के बाद इस मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का मन भी बदला।
- एनआईए की क्लीनचिट पर पहले साध्वी प्रज्ञा छूटीं, उसके बाद पुरोहित।
- समानता के आधार पर दो और को जमानत मिल गई है।
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