उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां जहरीली शराब से मौत होने पर फांसी का प्रावधान (death punishment) किया गया है। मंगलवार को हुई योगी की कैबिनेट मीटिंग में जहरीली शराब से होने वाली मौतों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है।
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- योगी सरकार ने आबकारी एक्ट में नई धारा जोड़ी है।
- इस धारा के तहत शराब से मौत या स्थाई अपंगता पर दोषियों को आजीवन कारावास,10 लाख का जुर्माना या फिर दोनों सजा एक साथ मिल सकती हैं।
- इतना ही नहीं इस धारा के तहत मृत्यदंड का भी प्रावधान है।
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प्रतिफल शुल्क नहीं अब एक्साइज ड्यूटी
- पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी पर अंकुश लगाने को मंत्रिमंडल की बैठक में आबकारी अधिनियम की धारा-30 में संशोधन किया गया है।
- अधिनियम की धारा-28 में एक्साइज ड्यूटी सीमा निर्धारित होती है, जबकि धारा-30 में प्रतिफल शुल्क लेने की व्यवस्था है।
- धारा 28 में एक्साइज ड्यूटी की सीमा को गत एक अप्रैल से समाप्त करने व प्रतिफल शुल्क को ही एक्साइज ड्यूटी मानने के लिए धारा-30 में संशोधन किया गया है।
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मौत की सजा के लिए नई धारा
- मौजूदा कानून से अवैध शराब के कारोबारियों को जहां छह माह तक ही जेल हो सकती है वहीं जुर्माना भी अधिकतम पांच हजार रुपये है।
- ऐसे में आबकारी एक्ट में नई धारा 60 (क) जोड़कर पहली बार ऐसी व्यवस्था प्रस्तावित है कि अवैध रूप से शराब की तस्करी एवं अवैध शराब के विषाक्त होने और उसको पीने से किसी की मृत्यु पर दोषियों को मृत्युदंड दिया जा सकेगा।
- इतना ही नहीं ऐसे गंभीर मामलों में दोषियों पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें आजीवन कारावास की कठोर सजा भी हो सकेगी।
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107 वर्ष पुराने कानून को कड़ा बनाने का प्रस्ताव
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 107 वर्ष पहले अंग्रेजों के बनाए उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम, 1910 की दंडक धाराओं को बेहद कड़ा बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
- वैसे तो कैबिनेट से मंजूर संशोधन प्रस्ताव के बारे में सरकार द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई है लेकिन, सूत्रों के मुताबिक कड़े दंड के लिए अध्यादेश के माध्यम से अधिनियम की दो दर्जन ऐसी धाराओं में संशोधन प्रस्तावित है जिसमें सजा, दंड शुल्क और अधिकारियों के अधिकार का प्रावधान है।
- इसके साथ ही एक नई धारा भी (death punishment) प्रस्तावित है।
आबकारी राजस्व में भी होगा इजाफा
- चूंकि इन दिनों विधानमंडल का सत्र नहीं चल रहा है इसलिए कैबिनेट की मंजूरी के बाद संबंधित प्रावधानों को अध्यादेश के माध्यम से लागू किया जाएगा।
- संशोधन संबंधी अध्यादेश को लागू करने के लिए उसे जल्द ही राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
- राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही संबंधित कड़े प्रावधान लागू हो जाएंगे।
- कठोर दंड होने पर शराब की तस्करी व अवैध शराब बनाने पर अंकुश लगेगा जिससे आबकारी राजस्व में भी इजाफा होगा।
अभी तक था ये प्रावधान
- गौरतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष में सरकार को आबकारी से 14272 करोड़ रुपये मिले थे।
- अभी शराब में मिलावट पर छह माह का कारावास और दो हजार का अर्थदंड है।
- शराब में मिलावट पर कड़ाई से अंकुश लगाने के लिए नए कानून के तहत एक वर्ष की जेल और पांच से दस हजार तक का अर्थदंड प्रस्तावित है।
- अवैध रूप से मादक वस्तुओं को रखने, मादक वस्तुओं के अवैध आयात और परिवहन पर भी तीन वर्ष की सजा के साथ ही 25 हजार (death punishment) तक जुर्माना हो सकेगा।
- कंपाउडिंग धनराशि भी पांच हजार से बढ़ाकर एक लाख प्रस्तावित है।
- दोषी अफसरों के खिलाफ निलंबन और बर्खास्तगी तक की कार्रवाई हो सकेगी।
- हालांकि, गिरफ्तारी, निरुद्ध, जब्ती, सर्च वारंट और जमानती व गैर जमानती धाराओं आदि में संशोधन से अफसरों के अधिकारों (death punishment) में बढ़ोतरी भी होगी।
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