अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) के राष्ट्रीय कला मंच द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्ररंग कार्यक्रम का बुधवार को समापन हो गया। इस मौके पर विभिन्न गांवो में अपनी प्रतिभा दिखाने वाले 125 छात्र-छात्राओं को उत्तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने सम्मानित किया। मंत्री दारा सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय कला मंच ने अपने कार्यक्रम के माध्यम से गांवो की जो तस्वीर को दर्शाया है। उससे उनकी कलाकृतियों को अच्छी झलक देखने को मिल रही है। (rashtrarang program)
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उन्होंने कहा कि सही मायने में कला की पहचान गांव से ही होगी। वहां रहन सहन जीवन यापन को दर्शाना भी बड़ी बात होती है। हमारे प्रधानमंत्री भी युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए सदैव तत्पर्य रहते हैं। वह अपने अनेक कार्यक्रमों के माध्यमों से युवाओं को प्रोत्साहित करते रहते हैं। पिछले 70 सालों में आज तक अपने देश में गैरबराबरी नहीं खत्म हो पायी। इससे हटाने के लिए संघर्ष जरूरी है।
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एबीवीपी के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास ने कहा कि राष्ट्रीय कला मंच के माध्यम सीधे रचनात्मक युवाओं की प्रतिभा को निखारा जा रहा है। दुनिया की हर क्रन्ति में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। शिक्षा के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और उसके मूल्यों को बढ़ाने की जिम्मेंदारी भी युवाओं की है। लेकिन कुछ देश विरोधी ताकतों ने कला का दुरूपयोग किया है। जिस केरल की धरती को भगवान की भूमि माना जाता है। वहां आज कल आसुरी काम हो रहा है। केरल के नागरिकों के साथ अत्याचार नहीं होने देंगे। हम सब केरल के नागरिकों के साथ खड़े है। (rashtrarang program)
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उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र के लिए सही नहीं हैं। इससे साफ हो गया है कि वामपंथी किसी तरह से हत्याओं को अंजाम देकर अपना वजूद बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना है कि अब इस तरह के आतंक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वामपंथियों को पूरे देश में एक्सपोज किया जाएगा।
एबीवीपी के नेता ने कहा कि 1947 से 2014 तक वोट बैंक की लालच में कुछ लोगों ने देश को गर्त में ले जाने का काम किया है। अब देश युवाओं के माध्यम से रफ्तार पकड़ रहा है। एक कार्यक्रम व्यक्ति के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है। यह कार्यक्रम उसका एक सटीक उदाहरण है। भारत की कला में नकारात्मकता नहीं है। यह सिर्फ सवाल नहीं खड़ा करती है। यहां की कला क्रन्ति का एक मंत्र भी है। राष्ट्ररंग के माध्यम से युवाओं को एक नया प्लेटफार्म मिला है। इससे अच्छी प्रतिभाओं को ढूढने का अवसर मिलेगा।
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प्रसिद्ध लेखिका अद्धैत काला ने कहा कि कला से व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाया जा सकता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से ऐसी झलकियां देखने को मिली हैं। समाज के दर्द को कला के जारिए से बाहर लाया जा सकता है। भारत का जीवन गांव में बसता है।
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कार्यक्रम को शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय के कुलपति निशीथ राय और राष्ट्रीय कला मंच के राष्ट्रीय संयोजक सौरभ उन्याल ने भी संबोधित किया। इस मौके पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री रमेश गड़िया, सुनील वाष्र्णेय, प्रान्त संगठन मंत्री सत्यभान सिंह भादौरिया, अभिलाष मिश्रा, अंशुल, गौरव अवस्थी, सत्यम गुप्ता, गुरजीत, सिद्धार्थ, आशुतोष, हरप्रीत हैरी, गौरव सिंह, सौरभ, आशीष काका, अमन,राहुल वाल्मिकी, सर्वेश, विवेक सिंह, दानिश आजाद, रवि सिंह, नितीश भी मौजूद रहे। (rashtrarang program)