प्रदेश भीषण बिजली संकट की ओर बढ़ रहा है। भारी कर्ज में डूबे ऊर्जा विभाग को कोल इंडिया ने 911 करोड़ रुपये के बकाये पर कोयले की आपूर्ति रोक देने का नोटिस भेजा है। कोयला कंपनियों ने बकाया के कारण पहले से ही आपूर्ति घटा रखी है। (power crisis)
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- इससे तीन तापीय बिजली घर अपनी क्षमता से 910 मेगावाट कम बिजली पैदा कर रहे हैं।
- नोटिस में साफ कहा गया है कि इस माह के अंत तक भुगतान नहीं किया गया तो कोयला कंपनियां आपूर्ति बंद कर देंगी।
- ऐसे में प्रदेश के सभी तापीय विद्युत घरों का 4100 मेगावाट उत्पादन ठप होने की नौबत आ सकती है।
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कोयला आपूर्ति लड़खड़ाई, नोटिस से बिजली महकमे में मचा हड़कंप
- जानकारी के मुताबिक, बकाए के कारण कोल इंडिया ने आपूर्ति रोकने का नोटिस भेजा है।
- कोयले की कमी से 910 मेगावाट बिजली उत्पादन कम हो रहा है।
- विद्युत उत्पादन निगम की 4100 मेगावाट उत्पादन क्षमता है।
- कुल बिजली उतपादन 3200 मेगावाट ही हो पा रहा है।
- ऊर्जा विभाग पर 911 करोड़ रुपये का कोल इंडिया का बकाया है। नोटिस से बिजली महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
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यहां कम हुआ उत्पादन
- वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड की बिजली उत्पादन क्षमता 4100 मेगावाट है। (power crisis)
- इसके मुकाबले केवल 3200 मेगावाट की आपूर्ति कर पा रहा है।
- कोयले के कमी से हरदुआ गंज ताप विद्युत गृह से 300 मेगावाट, पारीक्षा तापीय विद्युत गृह से 400 मेगावाट और पनकी ताप विद्युत गृह से 210 मेगा वाट बिजली का उत्पादन कम हो गया है।
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बिल वसूली हो गई धीमी, लेकिन कर्ज-खर्च बढ़ा
- प्रदेश के सभी पावर प्लांट को पूरी क्षमता से चलाने के लिए रोजाना 68,000 मीट्रिक टन कोयले की जरूरत होती है।
- यह पूरी सप्लाई कोल इंडिया लिमिटेड करती है।
- पिछले 6 माह में कोल इंडिया ने जो कोयला सप्लाई की उसका बकाया बढ़कर 911 करोड़ रुपए हो गया।
- इसका भुगतान बिजली बिलों की वसूली के माध्यम से पावर कारपोरेशन करता है।
- कम वसूली के कारण पावर कारपोरेशन इतनी बड़ी रकम नहीं पा रहा है।
- इस कारण कोल इंडिया का बकाया बढ़ता जा रहा है और भुगतान हो नहीं पा रहा है।
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और गहराया संकट
- अगर हालात यही बने रहे तो कोयला कंपनी आपूर्ति और कम कर सकती हैं।
- इससे उत्पादन और गिरने की आशंका बढ़ गई है।
- कोयले से 41 मेगा वाट बिजली का उत्पादन होता है।
- इस संबंध में प्रमुख सचिव ऊर्जा उत्तर प्रदेश आलोक कुमार ने कहा कोल इंडिया के बकाया का भुगतान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। (power crisis)
- बिलों की वसूली व बिजली चोरी रोकने की कार्यवाही तेज कर दी गई है।
- राजस्व वसूली और बिजली टैरिफ तर्कसंगत बनाकर खर्चों में सामंजस्य बनाया जा रहा है।
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