दीपावली का त्यौहार करीब आते ही पटाखों का कारोबार जोर पकड़ लेता है और साथ ही विस्फोट होने का भी खतरा बढ़ जाता है। आगामी 19 अक्टूबर को दीपावली का पर्व है। लेकिन इससे पहले लाईसेंसधारी व बिना लाईसेंस वाले पटाखा कारोबारी भी पटाखा बनाने में जुट जाते हैं। बीते वर्षों पटाखा विस्फोटों में हुई कईयों की मौत के बाद राजधानी पुलिस की नींदे टूटी थी और जगह-जगह छापेमारी का सिलसिला शुरू किया था। (35 explosions)

वीडियो: BHU की छात्रा ने सड़क पर लेटकर किया बवाल, छात्र को जड़ा थप्पड़

  • भगवान राम 14 साल के लिए वनवास गये और जैसे ही वापस अयोध्या यानी राम की नगरी लौटे तो लोग खुशी से झूम उठे और पटाखा दगाना शुरू कर दिया था।
  • वह दौर था कि लोगों ने दिए जलाकर खुशियां मनाई थीं, लेकिन इस दौर पर नजर डालें तो परंपरा से हटकर खुशियां मना रहे हैं। (35 explosions)
  • लिहाजा यह खुशी कभी-कभी मातम में तब्दील हो जाती है।

हापुड़ में दो पक्षों में खूनी संघर्ष, 100 राउंड फायरिंग

पूरे यूपी में पटाखा विस्फोट से तबाही

  • 07 अक्तूबर 2017 को देवरिया के भाटपाररानी तहसील क्षेत्र का भिंगारी बाजार 7 साल बाद एक बार फिर बारूद की ढेर के विस्फोट से दहल उठा। इस विस्फोट में इशहाक मियां के पांच बेटे हलीम, वकील, अजीज, मुख्तार और सत्तार सभी पटाखा बनाने का काम करते हैं। लाइसेंस छोटे भाई वकील के नाम से है।इस हादसे में दो महिलाएं जिंदा कमरे के अंदर जल गईं थीं। एक की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी। वकील मियां की रविवार को इलाज के दौरान मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। जबकि मन्नू (4), अरमान (2) और गुलेसरा (40) घायल हो गए थे।
  • 04 अक्तूबर 2017 को यूपी के कानपुर नगर जिले के महाराजपुर क्षेत्र स्थित सरसौल कस्बा में दीपावली के लिए बनाई जा रही आतिशबाजी से विस्फोट अचानक विस्फोट हो गया। विस्फोट इतना भयंकर था कि इससे आधा दर्जन मकान छतिग्रस्त हो गए। इस घटना में मकानों के मलबे में दबने से 3 लोगों की मौत हो गई थी। (35 explosions)
  • 14 मई 2017 को यूपी के जौनपुर जिले के कटघरा इलाके में अवैध रूप से पटाखे बनाते समय हुए विस्फोट में एक युवती नन्की (20) की मौत हो गई थी।
  • 05 मई 2017 को यूपी के कौशाम्बी जिले के मूरतगंज निवासी रईस अहमद के घर में अवैध पटाखे बनाते समय विस्फोट हो गया। विस्फोट में रईस, नगमा, पत्नी रशीदा गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि जबरदस्त विस्फोट से आस-पास के आधा दर्जन घरों की दीवारें चटक गईं।
  • 04 मई 2017 को यूपी के हापुड़ जिले के हाफिजपुर थाना क्षेत्र स्थित हरसिंहपुर गांव के एक मकान में शादी समारोह में पटाखे बनाने वाली विस्फोटक सामग्री में विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में एक महिला कश्मीरी देवी (70) की मौत हो गई, जबकि मकान मालिक फूल सिंह (60) गम्भीर रूप से घायल हो गए थे। (35 explosions)
  • 26 अक्टूबर 2016 को यूपी के वाराणसी जिले के चेतगंज के पितरकुंडा इलाके में पटाखा बनाने की अवैध फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। हादसे में 5 लोगों सरफराज, आमना, शबनम, जेबा और निम्मो की मौत हो गई, जबकि 6 से अधिक लोग घायल हो गए।
  • 24 सितंबर 2016 को यूपी के लखीमपुर खीरी जिले के पलिया कलां-निघासन स्टेट हाईवे से सटे घर में पटाखा बनाते समय विस्फोट के साथ भीषण आग लग गई। विस्फोट में पटाखा बना रही एक महिला सहित 2 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि 3 लोग घायल हो गए थे।
  • 03 नवंबर 2015 को गोंडा जिले के खरगूपुर इमिलिया में मो. फारूख के घर अवैध रूप से पटाखे बनाते समय विस्फोट हो जाने से एक महिला तहरूलनिशा की मौत हो गई, जबकि 6 लोग सलीम, फैराज, समीना, हजारा, मो हारून और कमरजहां गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
  • 03 नवंबर 2015 को यूपी के यूपी के रायबरेली के ऊंचाहार थाना क्षेत्र के ढाड़ेपर गांव में पटाखे बनाते समय विस्फोट हो गया। इस घटना में एक महिला और एक बच्चे की मौत हो गई थी।
  • 01 अक्टूबर 2015 को यूपी के सुल्तानपुर जिले के गोसाईगंज थाने के सैफुल्लागंज में पटाखा व्यवसाई के घर में चल रही अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से 5 लोगों की मौत हुई।
  • 13 सितंबर 2015 को पारा क्षेत्र के डॉक्टर खेड़ा गांव में रहने वाले पटाखा कारोबारी जुम्मन के कारखाने में विस्फोट हुआ, जिससे जुम्मन और उनकी पत्नी उमर जहां व बेटी सिमरन की मौत हो गई थी।
  • 13 मई 2014 को सुल्तानपुर जिले के जैतपुर गांव में पटाखा बनाने वाली एक फैक्ट्री में विस्फोट होने से 6 लोग मारे गए। मृतकों की पहचान चांद बाबू (20), मोहम्मह इस्लाम (18), रमजान (12), निजाम (4), शमीन (11) और अजय (20) के रूप में की गई थी।
  • 20 सितंबर 2014 को राजधानी लखनऊ के गोसाईगंज स्थित सिसेंडी क़स्बा निवासी खलील की पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था। इस घटना में एक सप्ताह के भीतर 16 लोगों की जान चली गई थी।
  • 20 सितंबर 2013 को यूपी के उन्नाव जिले के हसनगंज थाना क्षेत्र के मोहान स्थित पकरा मोहल्ले में रहने वाला मुन्ना अपने घर में अवैध रूप से पटाखे बनाने का काम करता था। इस पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से 8 लोगों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया था।
  • 12 नवंबर 2012 को यूपी के औरैया जिले के बेला क्षेत्र में एक पटाखा बनाने की फैक्ट्री में हुए शक्तिशाली विस्फोट में पांच बच्चों और तीन महिलाओं समेत 8 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे।
  • 28 सितंबर 2012 को पारा थाना क्षेत्र के बादरखेड़ा में रहने वाले जावेद के पटाखा कारखाने में पटाखा बनाते समय विस्फोट हुआ। इस हादसे में जावेद की बेटी शमा व भतीजी रूबीना की दर्दनाक मौत हो गई थी।
  • 12 सितंबर 2012 को मोहनलालगंज के कनकहा में दो मकानों में विस्फोट, 2 की मौत पांच घायल।
  • 18 जून 2012 को मोहान रोड के पास कारखाने में विस्फोट में मां-बेटी की मौत।
  • 25 अक्टूबर 2011 को यूपी के महराजगंज जिले के पनियरा थाना क्षेत्र के ग्राम रामपुर में पटाखा बनाते समय तीब्र विस्फोट हो गया था इस विस्फोट में 8 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में 3 महिलाएं 2 पुरुष और 3 बच्चे शामिल थे।
  • 01 अक्टूबर 2011 को आशियाना क्षेत्र के औरंगाबाद में साइकिल पर लादकर पटाखा ले जा रहे औरंगाबाद जागीर निवासी सर्वेश सैनी व साथ में रहे हिमांशु उर्फ राजा की विस्फोट में चिथड़े उड़ गये थे।
  • 21 फरवरी 2011 को इटौजा कस्बे में पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट, 2 मासूम बच्चे सहित चार झुलसे।
  • 08 जुलाई 2010 को देवरिया के भाटपाररानी तहसील क्षेत्र के भिंगारी बाजार में हलीम के घर विस्फोट हुआ था। उस समय इतना तेज विस्फोट हुआ कि फैक्ट्री की दीवारों में दरारें पड़ गई थीं। उसमें हलीम की 2 बेटियां नरगिस और रूखसाना कमरे में ही जल गईं थीं। इसके अलावा महबूब और हसन गंभीर रूप से घायल हो गए थे। महबूब की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
  • 06 फरवरी 2010 को आजमगढ़ जिले के सिधारी थाना क्षेत्र के खैरातपुर गांव निवासी इंशाद अली के घर विस्फोट होने से 3 बेटियों और पत्नी की मौत हो गई थी।
  • 17 अक्टूबर 2009 में चिनहट के मल्हौर स्टेशन के पास मोटरसाइकिल पर ले जा रहे पटाखों में विस्फोट हुआ। इस हादसे में गोमतीनगर निवासी दपंत्ति के चिथड़े उड़ गये।
  • 09 अक्टूबर 2008 को बंथरा में दशहरा मेले में आतिशबाजी में विस्फोट,एक व्यक्ति की मौत।
  • 08 अक्तूबर 2007 को अमेठी जिले के रायपुर फुलवारी मोहल्ले में अनीश के घर विस्फोट से एक ही परिवार के 5 लोगों की मौतें हुई थीं।
  • 12 अगस्त 2007 को काकोरी के मौदा गांव के पास पटाखे में लगी आग एक बच्चे की मौत हो गई।
  • 28 सितंबर 2006 को चिनहट में पटाखे की गोदाम में आग, आतिशबाज टिन्ना व उनकी पोती की मौत हो गई।
  • 29 अप्रैल 2005 को अमेठी जिले के जामों थाना क्षेत्र के बरौलिया गांव निवासी इस्लाम के घर विस्फोट होने से दो मंजिला इमारत ध्वस्त हो गई थी। इस घटना में इस्लाम, सिकंदर और हलीम की मौत हुई थी।
  • 05 नवंबर 2004 को सुल्तानपुर जिले के गौरीगंज शहर के निवासी कल्ले के घर में विस्फोट होने से पुत्र, पुत्री, पत्नी, दामाद समेत 5 लोगों की मौत हो गई थी।
  • 07 अक्टूबर 2004 को पीजीआई क्षेत्र के कल्ली पश्चिम में विस्फोट, 3 की मौत।
  • 24 सितंबर 2004 को गोसाईगंज में विस्फोट में एक की मौत।
  • 06 नवम्बर 2003 को यूपी के सुल्तानपुर जिले के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के हारीमऊ गांव में पटाखा बनाते समय हुए विस्फोट से पिता और पुत्री के चीथड़े उड़ गए थे।
  • 03 नवंबर 2002 को अमेठी जिले के रायपुर फुलवारी मोहल्ले के निवासी छुट्टन के घर हुए विस्फोट में 3 लोगों की मौत हो गई थी।
  • 13 अक्टूबर 2002 को चिनहट में लगी आग से आतिशबाज रहीम बक्श के बेटे की जान गई।

बस में कंडक्टर छात्राओं को अश्लील वीडियो दिखाकर कर रहा था छेड़छाड़

बड़े पैमाने पर होती है आतिशबाजी

  • दीपावली में शगुन के नाम पर राजधानी में बड़े पैमाने पर लोग आतिशबाजी करते हैं।
  • कानून की नजर में भले ही वह अपराध हो लेकिनपरंपरा का हवाला देकर लोग-लाखों रूपयों के वारे-न्यारे करने में जुट जाते हैं।
  • नतीजत कभी-कभी यह आतिशबाजी परिवार के लिए मुसीबत बनकर खड़ी हो जाती है।
  • यह वह पर्व दिन है जहां घरों में लक्ष्मी आने के लिए हर कोई घरों की साफ-सफाई कर पूजा-अर्चना करते हैं।
  • लेकिन इसी बीच में कुछ ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो परंपरा से हटकर आतिशबाजी कर अपनी जेब की लक्ष्मी गंवाने के साथ चोटिल होकर पूरे परिवार की खुशी में खलल पैदा कर देते हैं। (35 explosions)

छात्रों ने फीस वृद्धि को लेकर स्कूल में की जमकर तोडफ़ोड़, बवाल

मौत के मुहाने पर कई इलाके

  • यह तो परंपरा से हटकर काम करने वालों के हाल हैं।
  • अब चलें पटाखा कारोबारियों की ओर।
  • दीपावली का पर्व त्योहार भले ही आगामी 19 अक्टूबर को है लेकिन राजधानी लखनऊ में शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से पटाखा फैक्ट्रियों पटाखा बनाने का काम जोर-शोर से शुरू है।
  • जानकार सूत्र बताते हैं कि चिनहट, बीकेटी, काकोरी, पारा, मलिहाबाद, गोसाईंगंज, मोहनलालगंज, बंथरा, सरोजनीनगर व पीजीआई थाना क्षेत्रों में घरों के भीतर पटाखें बनाकर अपनी जिंदगी तो दूर दूसरे की भी जिंदगी दांव पर लगा रहे हैं।
  • इसकी रोकथाम के लिए भले ही पुलिस-प्रशासन दावे कर रहा हो लेकिन कड़वा सच है कि दीपावली के दिन पटाखा बाजार में कुछ पुलिस अधिकारी व कर्मचारी के अलावा संबंधित विभाग के भी अफसर व कर्मचारी थैला लेकर घूमते नजर आने लगते हैं।
  • सवाल उठता है कि एक ओर अधिकारी इसे बंद कराने और पटाखा कारोबारियों को नियम से चलने का पाठ पढ़ाते हैं।
  • लेकिन वह खुद ही अपने निर्देश को भूल बैठते हैं लिहाजा पटाखा बनाने पर पांबदी लगने के बजाये इसकी चलन और बढ़ती जा रही है। (35 explosions)

रियलिटी चेक: सरकारी स्कूलों में 10 बजे के बाद पढ़ाने आते हैं अध्यापक

सड़कों पर हर साल सजती है मौत की बाजार

  • दीपावली का पर्व आते ही गली मुहल्लों तथा सड़कों पर मौत की बाजार सज जाती है।
  • वैसे तो पुलिस-प्रशासन नियम का पालन तथा बिना लाइसेंस लिए पटाखों की दुकान लगाने के लिए कानून का उल्लंघन मानता है।
  • लेकिन इन्हीं आदेशों व निर्देशों के बीच ही पटाखे जोर-शोर से बिकते हैं और पुलिस-प्रशासन मौन रहता है।
  • ग्रामीण क्षेत्र की बात तो दूर है यहां तो शहर के भीतर भी मौत की बाजार लगती है।
  • लखनऊ में मौलवीगंज है जहां मुसाफिर खाना में दाखिल होते ही बारूद के ढेर मिलेंगे।
  • यह स्थान खुली जगह नहीं है बल्कि सकरी गली के बीच में है।
  • यहां जगह-जगह आतिशबाजी की थोक दुकानें हैं।
  • इन दुकानों को जिला प्रशासन ने ही लाइसेंस दे रखा है।
  • यही नहीं यहां की सुरक्षा मानकों की भी जांच करने वाला दमकल विभाग भी हर बार आंख मूंद कर अनदेखी कर देता है।
  • शहर के अंदर पटाखा कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है अगर भूल के भी एक चिंगारी निकली तो यह भीषण हादसे का रूप ले सकती है।
  • यह सब उस समय देखने को मिलता है जब किसी पटाखा कारखानों में विस्फोट होता है।
  • ये वह पटाखा की बाजार है जहां दमकल की गाडिय़ां भी नहीं पहुंच सकती।
  • अगर कोई हादसा हुआ तो कितनी देर में दमकल की गाड़ियां पहुंचेगी इसका अंदाजा खुद दमकल विभाग के अफसरों को नहीं है। (35 explosions)

लखनऊ के वजीरगंज में पकड़ी गई 70 हजार की विदेशी करंसी

बगैर जांच पड़ताल के शुरू हो जाता है कारोबार

  • नियमानुसार थोक कारोबारी अपने स्टाक की महज दस फीसदी आतिशबाजी दुकान पर रख सकते हैं और यहां सिर्फ आर्डर बुकिंग का ही प्रावधान है।
  • लेकिन यह सिर्फ कागजी कोरम है लिहाजा यह कारोबारी यहां से बुकिंग ही नहीं करते बल्कि यहीं से ग्राहक उनके मुताबिक माल बेच रहे हैं।
  • सूत्रों के मुताबिक दीपावली के पर्व के मौके पर शहर में दुकान सजाए बैठे कई दुकानदारों ने सिटी स्टेशन, मशकगंज व खजुहा समेत कई जगहों पर किराए पर मकान ले रखा है जहां पर आतिशबाजी का भंडारण शुरू कर दिया है। (35 explosions)

हादसे के बाद जागता है पुलिस-प्रशासन

  • सिसेंडी, अमेठी, चिनहट, पारा, काकोरी व बीकेटी समेत कई जगहों पर बीते वर्षों पटाखा विस्फोट में हुई मौतों के बाद पुलिस-प्रशासन की नींदे टूटती है।
  • प्रशासन का यह दावा होता है कि शहरी क्षेत्र से लेकर ग्रामीण इलाकों में का सर्वे किया
    जायेगा।
  • जिसकी जल्द ही रिपोर्ट देने की बात होती हैकि अब दोबारा ऐसी घटना न हो सके।
  • लेकिन चार दिनों तक तेजी दिखाने वाला संबंधित विभाग ऐसा सोता है कि जैसे उसे कोई और बड़े हादसे का इंतजार होता है।
  • हर बार पुलिस प्रशासन का यही दावा होता है कि रिहायशी इलाकों से पटाखा कारोबारियों को बाहर किया जायेगा। (35 explosions)

ये हैं पटाखा दुकान लगाने के मानक

  • दुकान 15 फीट से अधिक चौड़ी सड़क पर लगे।
  • पटाखे की दुकानों के बीच की दूरी 15 मीटर से कम न हो।
  • बिजली विभाग से कनेक्शन लिया गया हो।
  • दुकान ऐसी जगह हो जहां दमकल वाहन पहुंच सके।
  • आग से बचाव के इंतजाम हों।
  • धुम्रपान निषेध का बोर्ड लगा हो।
  • रिहायशी क्षेत्रों के आसपास दुकान नहीं हो।
  • स्टाक का दस प्रतिशत ही दुकान में रखें।
  • लोडिंग व अनलोडिंग देर रात से सुबह पांच बजे तक के बीच की जाये।
  • दुकान पर सीएफल का प्रयोग करें। दुकान मालिक का आपराधिक इतिहास न हो।
  • दुकान पर से हाई-टेंशन लाइन न गई हो। (35 explosions)

यहां बन रहे हैं प्रतिबंधित पटाखे

  • जानकार सूत्रों की मानें तो हर साल की तरह इस साल भी दीपावली के पर्व मौके पर कई इलाकों में प्रतिबंधित पटाखे धड़ल्ले से बन रहे हैं।
  • चिनहट, गोसाईगंज, अमेठी, सिसेंडी, काकोरी, रहमतनगर,नगराम, बीकेटी, मलिहाबाद, माल, पीजीआई के अलावा चिनहट व बाराबंकी सीमा पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित पटाखों का कारोबार हो रहा है। लहसुन बम व तेज आवाज वाले पटाखे पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
  • फिर भी इनका निर्माण किया जा रहा है। (35 explosions)

अवैध पटाखा कारोबारियों पर कसी जायेगी नकेल: एसएसपी

  • बिना लाइसेंस व नियम का उल्लंघन करने वाले पटाखा कारोबारियों पर लगाम कसने के लिए एसएसपी दीपक कुमार मातहतों के साथ लगाता बैठक कर उन्हें इस बात की हिदायत दे रहे हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्र में पैनी नजर रखेगे कि कोई अवैध तरीके से पटाखा तो नहीं बना रहा है।
  • एसएसपी ने कहा है कि अगर कोई मातहत लापरवाह मिला तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
  • एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक उन्होंने सीओ व सीएफओ को सख्त निर्देश दिये हैं कि वह पटाखा बाजारों में पैनी नजर रखे ताकि पिछले दिनों की तरह कोई अप्रिय घटना न घटित हो सके।
  • एसएसपी ने यह भी कहा है कि प्रशासन द्वारा जारी किये गये सभी लाइसेंस धारी पटाखा कारोबारियों के बारे में जांच पड़ताल जरूर करें।
  • एसएसपी ने बताया कि कोई भी पटाखा कारोबारी गलत तरीके से पटाखा बेचते मिला तो उसके खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी। (35 explosions)
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें