राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (national educational federation) उत्तर प्रदेश के चयनित कार्यकर्ताओं के सम्मलेन एवं संगोष्ठी “शिक्षाः समग्र व व्यापक” विषय पर बोरा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मनेजमेंट साइंसेज में मुख्य वक्ता उप्र सरकार में ग्राम्य विकास,समग्र ग्राम विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह पहुँचें हुए थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से ज्ञान और ध्यान का केंद्र रहा है। स्मार्ट क्लास व्यक्ति को विकलांग बना रहा है।
हजारों सालों से भारत दे रहा दिशा :
- डा महेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षा के मूल में राष्ट्र होना ही चाहिए।
- हजारों साल पहले भारत ने दुनिया को दिशा दी है आज भी वह दुनिया को दिशा दे रहा है।
- पूरे विश्व में आज भी हमारे इंजीनियर डॉक्टर और बुद्धिजीवी छाए हुए हैं।
- भारत को विश्व गुरु बनाने की ताकत हमारे ऋषि-मुनियों और गुरुजनों मे थी और विश्व में पहला स्थान दिलाने की ताकत गुरुजनों में है।
- शिक्षा जीवन में मूल्यों को संरक्षण देने वाली हो और शिक्षक छात्रों के जीवन में मूल्यों को ढालने का कर्मकार हो।
- उन्होंने कहा कि शिक्षा समाज और राष्ट्र के निर्माण का जरूरी घटक है इस मूल मंत्र को लेकर प्रदेश की सरकार शिक्षा में गुणात्मक परिवर्तन के लिए हर स्तर पर प्रयासरत है ।
- कैबिनेट मंत्री ने कहा कि 2 दिनों में महासंघ के विचार मंथन में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए अनेकों उपयोगी सुझाव आए होंगे।
- ये सरकार तक पहुंचेंगे और अमल में लाकर शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में मदद लेगी।
- अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मंत्री महेंद्र कपूर ने कहा कि परिवार से लेकर विश्व विद्यालय तक हमें सुधार के लिए चिंतन-मनन ही नहीं करना है।
- बल्कि सुदृढ़ बनाने के लिए कदमताल करनी होगी।
- अभिभावक शिक्षक छात्र और समाज को मिलकर सभी को शैक्षिक सुधार का आंदोलन बनाना होगा।
- इस आंदोलन का नेतृत्व शिक्षक समाज ही कर सकता है।
- शैक्षिक सुधार का सारा जिम्मा सरकार को दे कर हम अपने कर्तव्य से मुंह नहीं मुड़ सकते।
- संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने कहा कि कार्यकर्ता सम्मेलन में ज्यादा समय शैक्षिक स्तर के विमर्श के दौर में रहा।
अपने दायित्व को पहचाने शिक्षक :
- शिक्षा विस्तार में शिक्षकों की समस्याओं को चिन्हित किया गया।
- शिक्षा को ज्ञान व संस्कार की विषय वस्तु बनाने पर बल दिया गया।
- महासंघ शैक्षिक वातावरण को सुधार के लिए कार्यक्रमों को आयोजित करके जनरुचि का विषय बनाना चाहता है।
- कार्यक्रम के अध्यक्ष लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी सिंह ने कहा कि शिक्षकों को अपने दायित्व को पहचानना चाहिए।
- उसे राष्ट्र निर्माण में कर्तव्य सृजन करना होगा।
- उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली को नकल के रोग से बचाना होगा।
- आज शिक्षा में शोध और नवाचार की गति धीमी हो चुकी ।
- छात्रों में शोध की प्रवत्ति कम हुई है तो शिक्षकों में इसे प्रोत्साहित करने का उत्साह कम हो चुका है।
- इसके पीछे शिक्षण की अभिरुचि कैरियर बनाने की हो चुकी।
- अच्छे पैकेज पाने की होड़ ने हमारी शोध प्रगति को धीमा कर दिया है।
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें