उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार सूबे में 11 जुलाई को एक दिन में 5 करोड़ पौधे लगाकर नया रिकॉर्ड बनाएगी।

पहले भी बना चुकी है रिकॉर्ड:

  • उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार सूबे में 11 जुलाई को एक दिन में 5 करोड़ पौधे लगाकर नया रिकॉर्ड बनाएगी।
  • गौरतलब है कि, पिछले साल भी वन महोत्सव सफ्ताह के दौरान सरकार ने सूबे में 5 करोड़ पौधे लगाकर रिकॉर्ड बनाया था।
  • हालाँकि, पर्यावरण संरक्षण के नाम पर पौधे लगाना अलग बात है और उन पौधों का संरक्षण करना अलग बात है।

पेड़ वाले बाबा ने दी कोर्ट में पीआईएल:

  • सपा सरकार की 11 जुलाई को एक दिन में 5 करोड़ पौधे लगाने वाली योजना को फिलहाल झटका लग सकता है।
  • इस योजना के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ में याचिका दायर की गयी है।
  • यह याचिका मूल रूप से बिहार के गोपालगंज निवासी मनीष तिवारी उर्फ़ पेड़ वाले बाबा ने लगायी है।
  • पेड़ वाले बाबा ने खुद बिना किसी की मदद के राजधानी लखनऊ में हजारों की संख्या में पेड़ लगाये हैं और उनकी देखभाल और सुरक्षा भी करते हैं।
  • याचिका में वृक्षारोपण के बाद उनकी देखभाल और सुरक्षा को आधार बनाया गया है।

सीएम से पत्राचार कर जानकारी मांगी, नहीं मिली:

  • पेड़ वाले बाबा ने इस साल जनवरी में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पत्राचार के माध्यम से पूछा था कि, पौधे लगाने के मानक क्या हैं?, पौधों की सुरक्षा को लेकर क्या इंतजाम किये गए हैं? करीब 5 साल तक देखभाल किस आधार की जाएगी?
  • जिसका सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
  • इसके बाद पेड़ वाले बाबा ने मार्च और अप्रैल के महीने में भी सीएम को पत्र लिखा, उसका भी कोई जवाब मुख्यमंत्री अखिलेश की ओर से नहीं आया।
  • इसके बाद पेड़ वाले बाबा ने 17 मई, 2016 को हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल की, जिस पर जस्टिस अमरेन्द्र शाही की बेंच ने सपा सरकार को 4 हफ़्तों का समय जवाब देने के लिए दिया था।
  • सरकार की ओर से तब भी जवाब न आता देखकर पेड़ वाले बाबा ने जल्दी सुनवाई की मांग की है।
  • 5 जुलाई को कोर्ट में सुनवाई के बाद ही सपा सरकार की वृक्षारोपण की योजना पर फैसला होगा।

ऐसे होगा प्रदेश हरा-भरा?

सपा सरकार 11 जुलाई को एक दिन में 5 करोड़ पौधे लगाकर विश्व कीर्तिमान रचने की तैयारी में है, बेशक इतनी बड़ी संख्या से मुख्यमंत्री विश्व कीर्तिमान बना सकते हैं। लेकिन पौधों के संरक्षण, सुरक्षा और करीब 5 साल तक जरुरी देखभाल के मानकों पर प्रदेश सरकार ने चुप्पी साध रखी है। माननीय मुख्यमंत्री जी, यदि यही हाल रहा तो प्रदेश में हरियाली का आपका सपना सपना ही रह जायेगा।

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