दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पूर्व प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। भ्रष्टाचार के मामले में फंसे राजेंद्र कुमार के एक ऑडियो क्लिप की जांच में आरोपियों के साथ बातचीत में उनके आवाज की पुष्टि हुई है। सेंट्रल फोरेंसिक साइंटिफिक लेबोरेटरी ने इसकी पुष्टि की है।
सीएफएसएल ने उक्त ऑडियो क्लिप में राजेंद्र कुमार के आवाज होने की पुष्टि की है। इस क्पिल में राजेंद्र कुमार अन्य आरोपियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। गौर हो कि राजेंद्र फिलहाल सीबीआई हिरासत में हैं। चंद दिन पहले विशेष कोर्ट ने राजेंद्र कुमार और चार अन्य लोगों को पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा था।
क्या है मामलाः
राजेंद्र कुमार पर भ्रष्टाचार के जो आरोप हैं वो शीला दीक्षित सरकार के दौरान हुए थे. शीला दीक्षित का कहना है कि सीबीआई के पास सबूत होंगे तभी वो ये कार्रवाई कर रही है. राजेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होने अपनी कंपनी बनाकर उसे सरकारी ठेके दिलवाए जिससे सरकारी खजाने को करोड़ों का नुकसान हुआ।
गौरतलब है कि सीबीआई ने 50 करोड़ रूपये से अधिक के सरकारी ठेके दिए जाने में एक निजी कंपनी को अनुचित फायदा पहुंचाने के एक मामले में राजेंद्र कुमार और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था।
कौन हैं राजेन्द्र कुमारः
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेन्द्र कुमार मूल रूप से बिहार के आरा जिले के रहने वाले हैं।
- 1985 में उन्होंने IIT कानपुर से बी.टेक. की डिग्री ली और फिर 1989 में भारतीय प्रशासनिक सेवा ज्वाइन की।
- 2013 में जब अरविंद केजरीवाल 49 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने थे तब राजेन्द्र कुमार मुख्यमंत्री के सचिव बनाए गए थे।
- जिसके बाद केजरीवाल और राजेन्द्र कुमार की नजदीकी की काफी चर्चा उठी थी। दोबारा सत्ता में आने के बाद केजरीवाल ने राजेन्द्र कुमार को प्रधान सचिव बनाया।
- इससे पहले शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री रहते हुए राजेंद्र कुमार एजुकेशन डायरेक्टर, वैट कमिश्नर, पावर सेक्रेटरी जैसे कई अहम पदों पर रहे।
- उस दौरान राजेंद्र कुमार को 2006-07 के दौरान प्रशासनिक सेवा में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार मिल चुका है।
- उसी दौरान के एक मामले में राजेन्द्र पर 50 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप है। ये पूरा मामला 2006 से 2014 तक विभिन्न विभागों का है।