उत्तर प्रदेश में शुल्क प्रतिपूर्ति और छात्रवृत्ति योजना में गड़बड़ी करने वाले 23 शिक्षण संस्थानों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
समाज कल्याण विभाग ने सरकार को लिखा पत्र:
- उत्तर प्रदेश में स्कालरशिप और शुल्क प्रतिपूर्ति करने वाले 23 शिक्षण संस्थानों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
- जिसके लिए समाज कल्याण विभाग ने इन संस्थानों की मान्यता रद्द करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है।
- इन 23 इंस्टिट्यूट में 21 सहारनपुर और 2 इलाहाबाद के हैं।
- समाज कल्याण विभाग के निदेशक विजय बहादुर सिंह ने गुरुवार को आदेश जारी करते हुए कहा था कि, इन इंस्टिट्यूट में दाखिला लेने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
- छात्रवृत्ति हेराफेरी में सहारनपुर में वर्ष 2011-12 से 2014-15 के बीच कार्यरत रहे पांच जिला विद्यालय निरीक्षकों की संलिप्तता पायी गयी थी।
- जिनमें शिवलाल, कांता रामपाल, चंद्रशेखर, श्यामा कुमार व राधाकृष्ण तिवारी और दो जिला समाज कल्याण अधिकारियों करुणेश त्रिपाठी और मुश्ताक अहमद हैं।
- समाज कल्याण विभाग द्वारा इन सभी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और साथ ही अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के भी आदेश दिए हैं।
- गौरतलब है कि, 2011-12 से 2014-15 के बीच सहारनपुर और इलाहाबाद में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में बड़े पैमाने पर धांधली किए जाने की शिकायत विभाग को मिली थी।
- जिसके बाद हुई जांच में पाया गया कि, सहारनपुर के 21 और इलाहाबाद के दो संस्थानों ने छात्रों के फर्जी नामांकन दिखाकर करीब 15 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है।
- बिना मान्य पाठयक्रमों के बावजूद छात्रों का नामांकन दिखाकर इस योजना का लाभ लिया गया।
- इसके अलावा प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम की फीस मात्र 480 रुपये थी, जिसे डिप्लोमा पाठ्यक्रम बताकर प्रति छात्र 36 हजार रुपये की दर से वार्षिक शुल्क की प्रतिपूर्ति की गयी थी।
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