मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय वैज्ञानिक डॉ. एस. बी. मिश्र द्वारा खोज गए जीवाश्म (न्यफाउण्डलैण्ड) के मिस्टेकेन प्वाइन्ट को यूनेस्कों द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किए जाने पर बधाई दी है। सीएम ने कहा कि डॉ. एस. बी. मिश्र ने प्रदेश और देश का नाम दुनियाभर में रोशन किया है और पूरे प्रदेश को उनकी इस कामयाबी पर गर्व है। मालूम हो कि डॉ. मिश्र यूपी की राजधानी लखनऊ में ही रहते हैं।
- जुलाई, 2016 को इस्तानबुल में यूनेस्को द्वारा न्यूफाउण्डलैण्ड के मिस्टेकेन प्वाइन्ट को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया।
- इस मिस्टेकेन प्वाइन्ट में जीवाश्मों की खोज उत्तर प्रदेश में जन्मे भारतीय भू-वैज्ञानिक डॉ. एस.बी. मिश्र ने की है।
- डॉ. एस.बी. मिश्र ने अपने छात्र जीवन में सन 1967 में सबसे पहले मिस्टेकेन प्वाइन्ट की खोज की थी।
- इस खोज ने पृथ्वी के इतिहास के सम्बन्ध में तमाम सवालों के उत्तर प्राप्त करने में सहायता की है।
- यूनेस्को द्वारा इसे वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किए जाने से इसकी मान्यता बढ़ी है।
- डॉ. मिश्र की इस खोज ने डार्विन की क्रमिक विकास के सिद्धान्त सम्बन्धी जिज्ञासाओं का समाधान किया।
- मिस्टेकेन प्वाइन्ट, एवलॉन पेनिन्सुला के दक्षिण-पूर्वी प्वाइन्ट है, पृथ्वी का सबसे बड़ा, पहला, जटिल, मल्टीसेल्युलर जीव रूप है।
कौन हैं एस.बी.मिश्रः
- डॉ. एस.बी. मिश्र का जन्म सन् 1949 में बाराबंकी जिले के देवरा ग्राम में हुआ था।
- डॉ. मिश्र ने अपने गांव में भारतीय ग्रामीण विद्यालय की स्थापना कर उसका संचालक हैं।
- वर्तमान में लखनऊ से प्रकाशित होने वाले दैनिक ‘गांव कनेक्शन’ के प्रधान सम्पादक के रूप में कार्यरत हैं।
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