भारत के उच्चतम न्यायलय (सुप्रीम कोर्ट) ने यहाँ एक सामाजिक कार्यकर्ता की जन याचिका पर फैसला देते हुए एमिक्स क्यूरी नामक पद का गठन किया है जिसका कार्य यह निर्धारित करना होगा कि मुख्यमंत्री किन फाइल्स पर साइन करना चाहिए व किन पर नहीं। एमिक्स क्यूरी (amicus curie) के पद पर कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अनिल दीवान की नियुक्ति की है।
RTI से हुआ खुलासा (amicus curie) :
- गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने यह जन याचिका दायर की थी।
- इसमे कहा गया था कि मुख्यमंत्री कार्यालय जाने वाली फ़ाइल पर मुख्यमंत्री के साइन ज़रूरी है परन्तु ऐसा होता नहीं है।
- ज्यादातर फाइल्स में उनके सचिव या प्रमुख सचिव ही साइन किया करते हैं।
- इस मामले में जब सीएम कार्यालय से संपर्क किया गया तो वहां से बयान आया
- साल भर में लगभग 58 हज़ार फाइल्स आती है।
- अगर प्रत्येक फ़ाइल पर मुख्यमंत्री साइन करेंगे तो विकास व प्रगति के कार्यों पर ख़ास प्रभाव पड़ेगा।
- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस केस पर सुनवाई कर यह मामला देश के उच्चतम न्यायलय को स्थानांतरित कर दिया था।
- लम्बी बहस के बाद उच्चतम न्यायलय ने अपना फैसला सुनते हुए एक पद का गठन कर दिया है।
- इसका कार्य मुख्यमंत्री द्वारा साइन करने वाली फाइल्स का चुनाव करना है।
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