उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ऊँचाइयों की नई बुलंदियों को छू रहा है! इसका सबूत है मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा शुरू किये गये आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का तेजी से पूरा होता कार्य !
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की यह परियोजना आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी !
- बुनयादी ढाँचें से प्रदेश के छोटे बड़े हिस्सों को जोड़ने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे को हरी झण्डी दी।
- यह एक्सप्रेस-वे दो प्रमुख शहरों, प्रदेश की राजधानी लखनऊ और आगरा की 302 किमी की दूरी को जोड़ेगा और पूर्व निर्मित यमुना एक्सप्रेस-वे से निर्माणाधीन आगरा रिंग रोड के जरिए जुड़ेगा।
- यह एक्सप्रेस वे छः लेन का होगा ।
- जिसे भविष्य में आठ लेन का बनाया जा सकेगा ।
- हांलाकि, निर्माणाधीन संरचना आठ लेन के अनुसार ही बनायी जा रही है।
- मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद यूपीडा ने एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जुटी एजेंसियों से निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए कहा है।
- एक्सप्रेस-वे के निर्माण में जुटे अधिकारियों के अनुसार, सितंबर तक गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल और चार रेलवे ओवरब्रिज का काम पूरा कराना बड़ी चुनौती है।
- मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद निर्माण कार्य में लगे अधिकारी डेडलाइन से पहले कार्य समाप्त करने के लिए मेहनत कर रहें हैं।
- यूपीडा ने बताया कि एक्सप्रेस-वे की करीब 180 किलोमीटर सड़क पक्की हो गई है, और जून में बरसात शुरू होने से पहले कम से कम 250 किलोमीटर सड़क पक्की कर दी जाएगी।
- अधिकारियों के अनुसार, तय समय में सड़क का निर्माण तो पूरा हो जाएगा लेकिन पुलों और आरओबी को लेकर थोड़ी समस्या आ सकती है।
- एक्सप्रेस-वे पर 50 से ज्यादा पुल, चार आरओबी, कई इंटरचेंजर व अंडरपास भी बनवाए जाने हैं।
- इसके लिए यूपीडा ने रेलवे से संपर्क कर जल्द से जल्द आरओबी क्लीयरेंस देने का आग्रह किया है।
- मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट:-
- एक्सप्रेस-वे को नियत समय में पूरा कराने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाले प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग ग्रुप (पीएमजी) को प्रगति की नियमित निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है।
- विधानसभा चुनाव से पहले एक्सप्रेस-वे को पूरा कराने के लिए शासन स्तर पर प्रयास किये जा रहें हैं, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने 2 अक्टूबर को इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन चलाने की इच्छा जताकर निर्माण एजेंसियों पर दबाव बढ़ा दिया है।
- लगभग 15 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक है।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के पूरा हो जाने यात्रा के समय में बचत के साथ साथ गाड़ियों के ऑपरेशनल कॉस्ट में भी कमी आयेगी ।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के शुरू होने से आगरा-फिरोजाबाद-इटावा-औरैया-कानपुर नगर-मैनपुरी-हरदोई-उन्नाव तथा लखनऊ जिलों व्यावसायिक गतिविधियों में गति प्रदान होगी ।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के शुरू होने से कृषि उत्पादकों को उनकी खेती का उचित मूल्य और लाभ मिलेगा ।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे प्रदेश के 10 जिलों से होकर गुजरेगा ।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिये 10 जिलों के 232 गाँवों 3420 हेक्टेयर भूमि भूमि 30,456 किसानों से प्राप्त की गई है ।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे 110 मीटर चौड़ा और 6 लेन का होगा ।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे लखनऊ के मोहान रोड पर स्थित सारोसा-भरोसा गाँव से शुरू होकर आगरा के एतमादपुर मदरा गाँव पर समाप्त होगा ।
- भारतीय वायु सेना द्वारा अपने विमानों को आपातकाल स्थिति में इस एक्सप्रेस वे का उपयोग हवाई पट्टी के रूप में करने की इच्छा व्यक्ति की थी ।
- जिसके बाद से ही भारतीय वायु सेना द्वारा जताई गयी इच्छा के अनुरूप परिवर्तन किये जा रहे हैं ।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे बनने के बाद इस पर भारतीय वायुसेना आपने विमानों को भी उतार सकेगा ।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के किनारे ग्रीन बेल्ट भी विकसित होगी ।
- जिसके अंतर्गत 3 लाख पौधें लगाये जायेगें ।
- लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर कृषि मंडी, स्मार्ट सिटिज और फिल्म सिटी की भी स्थापना की जायेगी ।
- जिससे भविष्य में रोजगार के कई अवसर प्रदान होगें ।
- उत्तर प्रदेश सरकार गांधी जयंती के मौके पर सूबे के लोगों को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का तोहफा देने की तैयारी कर रही है।
- इसके लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी एक्सप्रेसवेज एंड इंडस्ट्रियल डवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) को 30 सितंबर तक काम पूरा कराने के दिए निर्देश दिए हैं।
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चाहते हैं कि गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर वाहन दौड़ने लगें।
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