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भगवान श्री कृष्ण की नगरी द्वारिका महाभारत युद्ध के 36 साल पश्चात समुद्र में समुद्र में विलीन हो गई थी। हालांकि उससे पहले ही भगवान श्रीकृष्ण ने देह त्याग दिया था। द्वारिका के डूबने के दो बड़े कारण माने जाते रहे हैं। पहला: श्री कृष्ण को एक माता गांधारी द्वारा दिया गया श्राप और दूसरा: ऋषियों द्वारा श्री कृष्ण पुत्र सांब को दिया गया श्राप। भगवान श्रीकृष्ण के देह त्यागने के बाद अर्जुन द्वारिका आए और यदुवंश की स्त्रियों व द्वारिका वासियों को अपने साथ लेकर हस्तिनापुर ले चले। उनके द्वारिका से बाहर निकलते ही द्वारिका नगरी समुद्र में विलीन हो गई।
समुद्र में विलीन हुई द्वारिका नगरी के डूबने के कारणों का पता लगाने और इस नगरी को ढूढ़ने के लिए कई वैज्ञानिकों सालों से इससे जुड़े रहस्यों के उत्तर तलाशते रहे और आखिरकार उन्हें इसके जवाब मिले भी हैं। उन्हें समुद्र में ऐसे अवशेष मिले हैं जिनसे द्वारिका के अस्तित्व और उसके डूबने के कारणों का पता चलता है।
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https://www.youtube.com/watch?v=u2MoiQVEBkE
वीडियो में इस प्राचीन पृष्ठभूमि के अस्तित्व की तस्वीरें दिखाई गई हैं। ये सभी अवशेष वैज्ञानिकों को समुद्र में कई सौ फ़ीट नीचे मिले। वैज्ञानिक समुद्र की गहराइयों में डूबे इस रहस्य को सुलझाने में लगे हुए हैं। इस अभियान में शोधकर्ताओं को समुद्र में बहुत से ऐसे अवशेष मिले हैं, जोकि इस नगरी के द्वारिका नगरी होने की तरफ इशारा करते हैं। हालांकि शोधकर्ताओं द्वारा आजतक पूरी तरह से इस बात कि पुष्टि नहीं की गई कि समुद्र में मिली यह नगरी द्वारिका ही है।
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