उद्योग एवं वाणिज्य संगठन एसोचैम ने आगामी बजट के मद्देनजर किये एक सर्वे के अनुसार लोग सरकार से आयकर छूट की सीमा को 4 लाख रूपये करने की उम्मीद रखते हैं। संगठन द्वारा किये गए आम आदमी सर्वेक्षण में शामिल हुए लोगों में से 87 प्रतिशत लोगों के मुताबिक आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रूपये से बढाकर 4 लाख रूपये किया जाना चाहिए। जबकि 88 प्रतिशत लोगों ने चिकित्सा और स्वास्थ पर ऊँची दर से कर छूट दिए जाने की मांग की है।

सर्वेक्षण के मुताबिक, सरकारी कर्मचारी और उसके परिवार के सदस्यों के लिए चिकित्सा खर्च पर 15,000 रूपये की वापसी या अदायगी पर कर छूट मिलती है, जिसे वर्ष 1998 में तय किया गया था। लोगों ने इसकी सीमा बढ़ाकर 50,000 रूपये प्रतिवर्ष करने की मांग की है।

लोगों का कहना है कि चिकित्सा बीमा के प्रीमियम के भुगतान में सिर्फ 15,000 रूपये कर मुक्त हैं, जिसे वर्ष 2008 में तय किया गया था। इसे भी बढाकर 50,000 रूपये किया जाना चाहिए। सर्वेक्षण में लोगों ने यातायात भत्ता बढ़ाने की मांग की।

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इसके आलावा लोगों ने बच्चों के लिए दिए जाने वाले 100 रूपये प्रतिमाह शिक्षा भत्ता को बढ़ाकर 1,000 रूपये प्रतिमाह और दो बच्चों के लिए तय 300 प्रतिमाह रूपये हॉस्टल खर्च को बढाकर 3,000 रूपये प्रतिमाह करने की मांग की है। लगभग 72 प्रतिशत लोगों के मुताबिक प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों और आवास ऋण की बढ़ती ब्याज दरों के मद्देनजर निजी इस्तेमाल की प्रॉपर्टी पर कर छूट की सीमा को 1.5 लाख रूपये से बढ़ाकर 3 लाख रूपये किया जाना चाहिए।

उद्योग एवं वाणिज्य संगठन का कहना है कि वर्तमान में मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ और परिवहन का खर्च बढ़ा है, जिससे जीवनयापन का खर्च बढ़ गया है, इसीलिए कर छूट की सीमा का बढ़ाया जाना भी बेहद जरूरी है।

एसोचैम का यह सर्वेक्षण दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, चंडीगढ़, हैदाबाद, पुणे और देहरादून जैसे शहरों में किया गया। इसमें विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 500 कर्मचारियों की राय ली गयी।

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