[nextpage title=”संजीवनी बूटी ” ]

आपको रामायण की कहानी तो पता ही होगी जब भगवान राम और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ था। इस युद्ध में भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण को रावण के पुत्र मेघनाथ ने अपनी शक्ति के द्वारा मूर्क्षित कर दिया था।

  • जिसके बाद लक्ष्मण के प्राणों पर मृत्यु के संकट मडराने लगे थे।
  • लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिये पवन पुत्र हनुमान लंका से सुशैन वैद्य को लेकर आये।
  • सुशैन वैद्य ने बताया की संजीवनी बूटी से लक्ष्मण के प्राण बचाये जा सकते हैं।
  • सुशैन वैद्य के बताने पर उसी समय पवन पुत्र हनुमान ने जीवनदायनी संजीवनी बूटी को लेने गये।
  • मगर पर्वत पर बहुत सारी बूटियों को देखकर हनुमान जी भ्रमित हो गये।
  • जब हनुमान जी को बूटी पहचाननें में समय लगता दिखा तो हनुमान जी भगवान लक्ष्मण के प्राण बचाने के लिये पूरा पर्वत ही उखाड़ कर ले आये।
  • जिससे भगवान लक्ष्मण के प्राण बचाये गये।
  • मगर क्या आप जानते हैं कि लक्ष्मण को जीवन दान देने वाली संजीवनी बूटी कहाँ पर स्थित है ?

कहाँ पर स्थित है जीवनदायनी संजीवनी बूटी यह जानने के लिये अगले पेज पर क्लिक करें:

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sanjivni buti

  • उत्तराखंड के चमोली जनपद में स्थित है एक गांव जिसे द्रोणगिरि कहते हैं।
  • यहां पर स्थित पर्वत के बारे में मान्यता है कि यह वही पर्वत है जिसे हनुमान जी संजीवनी बूटी के लिए उखाड़ ले गए थे।
  • मारूति नंदन हनुमान जी को ही द्रोणगिरि से इस संजीवनी बूटी लाने के लिए उन्हें ही भेजा गया।

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