आवास विकास द्वारा ब्रह्मपुत्र एन्क्लेव सिद्धार्थ विहार योजना में सर्किल रेट रिवाइज ना होने के खबर को जानकर कई आवंटियों ने विरोध प्रदर्शन आवास विकास कार्यालय में सयुंक्त आवास आयुक्त महेंद्र प्रसाद के समक्ष किया. आवंटियों ने AHC से पूछा कि आपने इस विषय मे क्या किया तो उन्होंने बताया कि मैंने अपनी तरफ से सारे तथ्यों को बोर्ड मीटिंग में रखा. AHC ने बताया कि इस बात को भी बोर्ड मीटिंग के सदस्य और प्रमुख सचिव को बताया गया लेकिन सभी सदस्य सहमत नहीं थे और अभी जबतक MOM पेपर नही आ जाते कुछ भी आधिकारिक रूप से कहा नही जा सकता.
सीएम तक को की शिकायत लेकिन नहीं निकला कोई हल
- आवंटियों ने कहा कि UPAVP ने 2015 में पूरे पैसे ले लिये उसके बाद 2 साल की और देरी की.
- आवंटी जहाँ बैंक को EMI और ब्याज दे रहे हैं, वहाँ UPAVP ब्याज लिए कीमत पर कमा रही होगी.
- उपर से टँकन त्रुटि का भार जनता पर डाला ये किस बुकलेट में लिखा है कि 4 साल बाद बिना पूछे कुछ भी गलती लिखकर कीमत बढ़ा दी जायेगी.
- जब सर्किल रेट रिवाइज की बात आती है तो बुकलेट का हवाला दिया जाता है.
- शिखर एन्क्लेव में भी समान नियम थे तो उसमें क्यों किया?
- RERA की वेबसाइट पर भी 2013 की योजना को 2014 में चालू और जो 24 महीने में पूरी होनी थी.
- वहाँ दिसंबर 2017 में खत्म दिखा दी है, क्या ये बुकलेट में लिखा है अपने मन से कभी भी डेट बदल सकते है अगर 2 साल की देरी मानते है तो फिर आवंटियों को ब्याज दे.
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- आवंटियों ने कहाँ की जहाँ आवंटी परेशान होकर अपने फ्लैट सरेंडर करने को विवश है.
बड़े कीमत में नीलाम कर मुनाफा
- वहीँ UPAVP उन्ही फ्लैटों को बड़े कीमत में नीलाम कर मुनाफा कमा रहा है.
- क्या UPAVP भी प्राइवेट बिल्डर की तरह मुनाफा कमाने को बनी है.
- जो लोगों को कम कीमत के फ्लैट के सपने दिखाकर 5 लाख से ऊपर की कीमत बढ़ा कर लोगों के सपनों के घर वापस लेने को योजना बनायी थी.
- आवंटियों ने ये भी बताया कि हमने कई मन्त्रियों से मुलाकात बात की.
- MLA अतुल गर्ग से कई बार मिले, सुरेश पासी से संम्पर्क किया.
- मन्त्रियों की बनाई कमिटी को पत्र दिया.
- CM को कई ईमेल किये और जनसुनवाई में शिकायत की. लेकिन कोई मदद मिलती दिखाई नहीं दे रही है.
आवंटियो ने AHC को पत्र लिखकर कमिश्नर को तुरंत भेजकर सर्किल रेट रिवाइज फैसले लेने में जल्दबाजी ना कर AHC, SE के दिये पुराने केस और दिए तथ्यों के आधार पर करने को कहा और दो साल की देरी पर ब्याज देने पर निर्णय लेने को कहा जिसपर AHC ने इसे अधिकारियों तक पहुचाने का आश्वासन दिया.