27 अगस्त 2013 से उत्तरप्रदेश के मुज़फ्फरनगर में हुए हिंसक दंगे आज भी देखने और सुनने वालों की रूह कंपा देते हैं. इस जिले में होने वाले यह दंगे इतने भयावह थे कि जब-जब लोगों की ज़बान पर इसका ज़िक्र आता है तो केवल एक ही ख्याल ज़हन में आता है कि इस देश में इंसान के जीवन का कोई मूल्य है भी या नहीं. दरअसल यह दंगे कोई मामूली दंगे नहीं थे, इस भयावह कांड की आग तब लगी जब जिले में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान उठने लगे.जैसा कि सब जानते हैं उत्तरप्रदेश महिलाओं से जुड़े अपराधों की फेहरिस्त में सबसे ऊपर आता है, इसी क्रम में इस जिले में वर्ष 2013 एक कलंक की तरह सामने आया जिसमे महिलाओं के साथ होने वाले अपराध सबसे ज़्यादा थे. आये दिन कोई ना कोई महिला या लड़की छेड़खानी व दुष्कर्म का शिकार बनती थी. परंतु क्षेत्र की पुलिस की लचर सुरक्षा व्यवस्था के चलते सभी आरोपी खुले घुमते थे. 

बीजेपी विधायकों के खिलाफ NBW:

  • उत्तर प्रदेश की एक स्थानीय अदालत ने योगी सरकार के मंत्री सुरेश राणा, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान, बीजेपी विधायक संगीत सोम और उमेश मलिक के खिलाफ साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगा मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किए हैं.
  • इनपर आरोप है कि दंगे के दौरान इन्होने भड़काऊ भाषण दिए थे.
  • BJP के 3 विधायक, 2 सांसद के खिलाफ कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी किया है.
  • भड़काऊ भाषण और धारा 144 उल्लंघन मामले में इन विधायकों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किये गए हैं.
  • MLA सुरेश राणा, उमेश मलिक पर NBW, विधायक संगीत सोम के खिलाफ भी NBW जारी हुआ है.
  • सांसद संजीव बालियान के खिलाफ NBW जारी हुआ है. सांसद भारतेंदु के खिलाफ भी NBW जारी हुआ है.
  • इस सभी नेताओं पर दंगे के दौरान भड़काऊ भाषण देने और धारा 144 के उल्लंघन का आरोप है. 
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