उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार 14 दिसंबर से IAS वीक की शुरुआत की गयी थी, गौरतलब है कि, यह IAS वीक तीन दिवसीय है, जिसका समापन 17 दिसंबर को होगा, इसी क्रम में गुरुवार को IAS वीक की शुरुआत के बाद शाम को सूबे के राज्यपाल राम नाईक ने सभी IAS अधिकारियों को राजभवन में डिनर पर आमंत्रित किया था, कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दोनों उप-मुख्यमंत्री के साथ मौजूद रहे थे, इसी क्रम में IPS एसोसिएशन की ओर से IAS एसोसिएशन को पत्र लिखा गया है, पत्र का विषय है सामंतशाही प्रोटोकॉल को नष्ट करते हुए समता, समावेश और आदर के भाव से परिपूर्ण कार्यसंस्कृति निर्मित करने के सन्दर्भ में लिखा गया है। ज्ञात हो कि, अभी हाल ही में योगी सरकार ने जिलाधिकारियों को जिले में क्राइम को लेकर पुलिस अधिकारियों की मीटिंग लेने का आदेश जारी किया था, जिसके बाद कथित तौर पर IPS और IAS एसोसिएशन के बीच तनातनी की बात कही गयी थी।
मीडिया में IAS-IPS के बीच रस्साकशी, लेकिन वास्तविकता यह नहीं:
- शुक्रवार को IPS एसोसिएशन द्वारा IAS एसोसिएशन को पत्र लिखा गया है।
- पत्र का विषय है योगी सरकार का वह आदेश जिसमें कहा गया था कि, क्राइम की मीटिंग जिलाधिकारी पुलिस लाइन में लेंगे।
- जिस पर IPS एसोसिएशन ने लिखा है कि, मीडिया में इस शासनादेश के बाद IPS और IAS में रस्साकशी के रूप में दिखाया जा रहा है, जबकि हमें लगता है कि, ऐसा नहीं है।
- हमारा मत है कि, नागरिकों को सुलभ दिलाना जरुरी है,
- जिसके लिए जरुरी है न्याय प्रक्रिया से जुड़े अन्य विभाग जैसे कि, जिला कारगर, बाल सुधर गृह, नारी निकेतन, प्रोबेशन अधिकारी, अभियोजन आदि का समुचित पर्यवेक्षण हो।
- हमारा सुझाव है कि, इन विभागों की मासिक बैठक जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की सह-अध्यक्षता में हो।
सरकारी मशीनरी को सामंतशाही मानसिकता से निकाल कर सुशासन की ओर ले चलें:
- IPS एसोसिएशन के पत्र में आगे लिखा है कि, सरकारी मशीनरी को सामंतशाही मानसिकता से निकाल कर सुशासन की ओर ले जाने का मुद्दा बड़ा है।
- वर्तमान सरकार VIP कल्चर को खत्म करने का भरपूर प्रयास कर रही है और हमारा प्रस्ताव है कि, IAS-IPS दोनों सेवाओं के अधिकारी भी इसमें योगदान करें।