योगी सरकार ने गुरुवार 14 दिसंबर से उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आयोजन किया था, जिसके तहत शुक्रवार 15 दिसंबर को शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन है, गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने जैसे ही सदन की कार्यवाही को शुरू किया विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने के प्रयास में जमकर हंगामा शुरू कर दिया था, हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया था, स्थगन के बाद भी विपक्ष का हंगामा बरक़रार रहा, इसी बीच योगी सरकार ने हंगामे के दौरान ही दो विधेयक भी पेश किये, जिसके बाद हंगामा थमता न देखकर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया था।
शुक्रवार को भी सदन में हंगामे के आसार:
- योगी सरकार ने बीते गुरुवार से यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आयोजन किया था।
- जिसके तहत शुक्रवार को सदन की कार्यवाही का दूसरा दिन है।
- गौरतलब है कि, शीतकालीन सत्र का पहला दिन विपक्ष के हंगामें की भेंट चढ़ गया था।
- वहीँ शुक्रवार को कार्यवाही के दूसरे दिन भी विपक्ष द्वारा हंगामे के आसार हैं।
हंगामे के बीच पेश हुए थे दो विधेयक:
- शुक्रवार को यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र की कार्यवाही का दूसरा दिन है।
- गुरुवार को कार्यवाही का पहला दिन विपक्ष के हंगामे के बीच स्थगित हो गया था।
- वहीँ योगी सरकार ने स्थगन से पहले विधानसभा में हंगामे के बीच दो विधेयक भी पेश किये थे।
- जिनमें से एक विधेयक प्रयागराज मेला प्राधिकरण अध्यादेश और सहकारी समिति संशोधन अध्यादेश को पटल पर रखा गया था।
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के बयान:
- विपक्ष सदन को चलने नही दे रहे हैं।
- सुबह से ही दोनों सदन में हंगामा कर रहे हैं, जबकि भाजपा का हर नेता सकारात्मक जवाब देना चाहते है पर उनका नकरात्मक रवैया है।
- ‘यूपीकोका’ से कानून के हाथ मजबूत होंगे, विपक्ष ने इसको ढंग से पढ़ा नही है, इससे अपराधियों पर लगाम लगेगी।
- यूपीकोका का वही लोग विरोध कर रहे है जिन्होंने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को चरमराया है।
नेता विरोधी दल राम गोविंद चौधरी का बयान:
- देश कृषि प्रधान देश है और अपने प्रदेश की स्थिति भी वही है।
- किसान कर्जे की माफ़ी की बात कही गई थी लेकिन सिर्फ लघु किसान के कर्जे भी आधे ही माफ किये गए।
- आज प्रदेश में बिजली के दामो में बढोत्तरी कर दी गई जिससे किसानों की कमर टूट गई।
- आलू के किसान परेशान है उनके आलू नही खरीदे जा रहे है।
- हमारी मांग है कि तत्काल बिजली के बढ़े दाम वापस लिए जाए।
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