अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने के मामले में विश्वविद्यालय ने केंद्र सरकार के हलफनामे पर अपना जवाब बताया है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक वजहों के कारण केंद्र द्वारा ऐसा किया गया है।
सवालों का जवाब देने से बच रही सरकार :
- सुप्रीमकोर्ट में एएमयू की याचिका में कहा गया है कि सुप्रीमकोर्ट को सरकार की बात न माननी चाहिए जिसमें केंद्र उसके अल्पसंख्यक दर्जा मिलने का विरोध कर रहा है।
- भारत सरकार को देश में अल्पसंख्यको के एक भी संस्थान को अपने अंतर्गत नहीं रखना चाहिए।
- केंद्र सरकार ने संसद में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक्ट बनाने के लिए गलत विचार व्यक्त किये है।
यूनिवर्सिटी में है 50% सीटें दूसरे धर्मों के लिए :
- एएमयू ने कहा कि यह बहुत पुरानी मुस्लिम यूनिवर्सिटी है जिसके लिए भारत सरकार का नजरिया गलत है।
- सविंधान के अनुसार संस्थान में 50% सीटें दूसरे धर्म के लिए भी रखी गयी है।
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- गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट की बेंच ने 1967 के अपने फैसले में कहा था कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है।
- परन्तु 1981 में केंद्रीय कानून में बदलाव कर संस्थान को माइनॉरिटी का दर्जा दिया गया था।
- केंद्र सरकार ने कहा कि वह तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से की गयी अपील को वापस ले रही है।
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