यूपी के फर्रुखाबाद जिला में एसडीएम और तहसीलदार रात्रि में रैनबसेरों की स्थिति जांचने पहुंचे तो मौके से जिम्मेदार गायब मिले। निरीक्षण के दौरान रैनबसेरों में ताला लटकता मिला। जब एसडीएम ने डॉक्टर को बुलाया तो वह शराब पीकर पहुंचा और उल्टा एसडीएम को ही फटकार लगाने लगा। इस पर एसडीएम ने डॉक्टर को लताड़ लगाई और उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी। रैनबसेरे में ताला लटकने के चलते लोग इधर-उधर भटकते मिले। काफी देर तक चले हंगामे के बाद स्थिति को काबू में किया। बताया जा रहा है कि इस वाकिये के दौरान स्थानीय भाजपा विधायक मौके पर थे लेकिन उन्होंने इस मामले में कुछ नहीं कहा। (डॉक्टर ने एसडीएम को हड़काया)
डॉक्टर ने एसडीएम को हड़काया तो मचा बवाल
जानकारी के मुताबिक, मामला विकास खण्ड कायमगंज कस्बे में बने सीएचसी अस्पताल का है। यहां रात्रि में कायमगंज एसडीएम बीके दुबे तहसीलदार के साथ अस्पताल परिसर में बने रैन बसेरा को चेक करने पहुंचे। लेकिन रैन बसेरा में उनको ताले पड़े मिले। जब वह अस्पताल के अंदर दाखिल हुए तो उनको कोई डॉक्टर मौके पर नहीं मिला। उन्होंने पूछा कि डॉक्टर को बुलाओ कहां है। उस समय रात्रि में डॉक्टर शिवप्रकाश की ड्यूटी थी। लेकिन 9:15 बजे वह अन्य डॉक्टरों के साथ खाना खाने अपने घर चले गए थे। एसडीएम ने चतुर्थ कर्मचारी से डॉक्टर को बुलाने गया था। तो डॉक्टर ने कहा कि खाना खाकर आते हैं।
एक एसडीएम के बुलाने पर दौड़ा चला आऊं
उसके बाद जब डॉक्टर आये तो एसडीएम ने डॉक्टर से पूछा कि जब हमने बुलाया था क्यों नहीं आये। तो डॉक्टर ने एसडीएम को हड़काते हुए कहा कि कोई इमरजेंसी ड्यूटी नहीं है कि एक एसडीएम के बुलाने पर दौड़ा चला आऊं। जहां भी शिकायत भेजनी हो भेज दो जिस अधिकारी से बात करनी हो कर लो मेरा कुछ नहीं कर पाओगे। तो एसडीएम ने कहा कि क्या शराब पीकर आया है क्या। इस मौके पर एसडीएम के साथ गए तहसीलदार ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी। जबकि जिले के सभी अस्पतालों में मरीजो के लिए सर्दी में राहत मिल सके उसके लिए रैन बसेरा बनाये गए हैं। लेकिन उनकी देखरेख अस्पताल प्रसाशन की होती है। लेकिन कायमगंज अस्पताल में मरीजों के तीमारदार बरामदे में सर्दी में बैठे थे और रैन बसेरा में ताले लटक रहे थे। जब डॉक्टर से चाबी के बारे में पूछा गया तो डॉक्टर ने एसडीएम को फटकारते हुए कहा कि मै रैन बसेरा चलाने नहीं, नौकरी कर रहा हूं। (डॉक्टर ने एसडीएम को हड़काया)
भाजपा विधायक भी देखते रहे तमाशा
आखिर जिले के डॉक्टरो के अंदर अधिकारियों का डर क्यों नहीं है। जिस प्रकार से रात्रि चेकिंग के दौरान डॉक्टर शिवप्रकाश ने एसडीएम को हड़काया उससे यही प्रतीत हो रहा है कि डॉक्टर अपनी मर्जी के मालिक हैं। वैसे भाजपा के स्थानीय नेता बहुत बड़ी बातें करते थे। लेकिन रात में जब डॉक्टर ने एसडीएम को हड़काया उस समय वह वहां पर मौजूद थे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा। आगे देखना यह होगा कि एसडीएम की खुलेआम इज्जत उतारने बाले डॉक्टर पर क्या कार्रवाई की जायेगी। हालाकि इस मामले की चारों तरफ चर्चा है।
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