भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बसपा सुप्रीमों मायावती की दलितों के प्रति चिन्ता व प्रेम को दिखावा बताया। उन्होंने ने कहा मायावती जातीय राजनीतिक रोटी सेंकने का अवसर तलाशती रहती हैं। वास्तव में मायावती यदि दलित हितैषी होती तो लोकसभा चुनावों में चारों खाने चित न हुई होती। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों में सरकार बनाने का दावा करने वाली बसपा 20 सीटें भी नहीं जीत सकी। (Mayawati showing Dalit love)

माया ने किया दलितों की भावनाओं का जमकर दोहन (Mayawati showing Dalit love)

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मायावती ने दलितों की भावनाओं का जमकर दोहन किया है। दलितों के नाम पर करोड़ो-अरबों की दौलत जमा कर ली। उत्तर प्रदेश में पिछले शासनकाल में दलित उत्पीड़ित रहा लेकिन बसपा सुप्रीमों ने कभी आवाज नहीं उठायी। बसपा जब सत्ता में थी तब भी दलितों के उत्थान के लिए कोई निर्णायक कदम नहीं उठा पायी थी।

उन्होंने कहा कि पिछले बसपा-सपा शासनकाल में बिगड़ी कानून व्यवस्था से दलित पीड़ित रहा, जिसका समाधान भाजपा सरकार में हो रहा है। दलितों-पिछड़ों की जमीनों पर ही दबंगो ने हमेशा अवैध कब्जा किया है। जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्त कराकर शोषित-पीड़ित जन की सही मायनों में मदद योगी सरकार कर रही है। (Mayawati showing Dalit love)

नए साल पर दिया था ये बयान

भारतीय जनता पार्टी प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने वर्ष 2017 को उत्तर प्रदेश के लिए परिवर्तन का वर्ष बताया। त्रिपाठी ने कहा कि 2017 में उत्तर प्रदेश में ना केवल सत्ता का परिवर्तन हुआ बल्कि व्यवस्था में भी परिवर्तन दिखने लगा है। वर्ष 2017 की शुरूआत तत्कालीन सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी के परिवारिक झगड़े के साथ हुई थी लेकिन वर्ष के अंत तक उत्तर प्रदेश में बदलाव की बयार बहते दिख रही है।

गतवर्ष की शुरूआत में प्रदेश के तत्कालीन मुखिया अखिलेश यादव पारिवारिक अंतरद्वन्द में उलझे थे वहीं इस वर्ष प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वन टांगिया समुदाय के बीच उनकी सामाजिक-आर्थिक पारिवारिक स्थिति को सुदृढ़ करने का प्रयास करेंगें।

त्रिपाठी ने कहा कि जिस उत्तर प्रदेश में गत वर्ष सैंकडों साम्प्रदायिक दंगों की घटनाएं हुई थी वहीं इस वर्ष साम्प्रदायिक सौहार्द की नई मिसाल, कायम हुई है। कानून -व्यवस्था पिछले वर्ष की तुलना में काफी चुस्त-दुरूस्त हुई है। 895 पुलिस मुठभेडों में 26 दुर्दान्त अपराधी परलोक सिधार गए, 196 अपराधी घायल हुए, 2186 अभियुक्त जेल की सलाखों के पीछे पहुॅचें। सौ से अधिक आपराधिक तत्वों पर रासुका तामील हुआ। पिछले वर्ष की तुलना में पुलिस का मनोबल इस वर्ष कई गुना बढ गया है।

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उन्होंने कहा कि इस वर्ष किसानों की कर्जमाफी, गेहूॅ-धान की रिकार्ड खरीद, गन्ना मूल्य भुगतान सहित कई कल्याणकारी निर्णयों से किसान हर्षित हुआ है। आगामी वर्ष 2018 संभावनाओं से भरा हुआ है। उत्तर प्रदेश के छवि बदल रही है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्तर पर पिछड़ा प्रदेश रोजगार सवालों से जूझ रहा था। (Mayawati showing Dalit love)

आने वाले वर्ष में इन्वेस्टर्स समिट में ढाई लाख करोड़ के निवेश की आशा है जो रोजगार के प्रश्नों का सहज उत्तर प्रस्तुत करेगा। उत्तर प्रदेश स्वाभिमान से खड़ा होगा। पहली बार 24 जनवरी को “यूपी दिवस” मनाकर उत्तर प्रदेश अपने स्वार्णिम गौरवशाली अतीत को पुर्नस्थापित करेगा।

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