उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवरफ्रंट के घोटाले के मामले में बड़ा बयान दिया है. सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि जो जांच चल रही हैं वह भी बरकरार रहेगी.
योगी सरकार गोमती नदी को दिव्य और भव्य स्वरूप देगी:
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रुख अपनाते हुए यह निर्णय लिया है कि गोमती के अधूरे काम पूरे कराए जाएंगे. जो जांच चल रही हैं वह भी बरकरार रहेंगी. गोमती रिवर फ्रंट के पौराणिक स्वरूप को पुनर्जीवित करने के लिए जो फव्वारे लगाए गए हैं, उनमें डिस्को कल्चर खत्म करके रामायण-महाभारत काल की लोकसंस्कृति एवं लोक संगीत को समाहित किया जाएगा.
रामायण-महाभारतकाल की तस्वीरें दिखाई जाएंगी:
नदी को खूबसूरत और साफ बनाने के लिए शारदा नहर से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है. जहां-जहां बिजली बंद थी उसे चालू कराने के निर्देश भी दे दिए गए हैं. इसके अलावा वॉटर बस को भी फिर से चलाया जाएगा. इस रिवर फ्रंट को लेकर पहले भी विवाद रहा और योगी सरकार ने इसकी जाँच के आदेश भी दे दिए थे. जबकि पूर्व की सरकार इसे उपलब्धि बताते नहीं थकती थी. वहीँ कई बार ये भी देखने को मिला है कि रिवर फ्रंट पर शाम के वक्त बिजली सप्लाई काट दी जाती है और पूरा गोमती तट अँधेरे में डूब जाता है.
सरकार ने बनाई नयी नीति:
सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि गोमती रिवर फ्रंट के डिस्को कल्चर को समाप्त किया जायेगा और वहां रामायण-महाभारत काल की तस्वीरें लगाई जाएँगी. उच्च न्यायालय इलाहाबाद के सेवानिवृत्त न्यायधीश आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की न्यायिक जांच के लिए जांच समिति बनाई गई थी. समिति में विशेषज्ञ के रूप में इंजीनियरिंग एवं वित्त संकाय के प्रोफेसर शामिल थे. न्यायिक जांच समिति से तथ्यों के आधार पर जांच कर निष्कर्ष मांगा गया था. जांच समिति ने 15 मई को शासन को आख्या प्रस्तुत कर दी थी.