हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने “वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन प्रॉस्पेक्ट्स” के नाम से एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें दुनिया भर के देशों की GDP ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया था, इस लिस्ट में भारत का भी नाम था, भारत की GDP की अनुमानित ग्रोथ रेट जो लिस्ट में बताई गयी थी. गुजरात विधानसभा के चुनाव के पहले ये आंकड़े जारी किये गए थे. वहीँ सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने भी एक अनुमान जारी किया है.
2017-18 में भारत की GDP ग्रोथ 6.5%:
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी अनुमानित आंकड़े में कहा गया है कि 2017-18 के दौरान GDP ग्रोथ रेट 6.5% रह सकती है. इसके पहले संयुक्त राष्ट्र संघ ने “वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन प्रॉस्पेक्ट्स” के नाम से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें दुनिया भर के देशों की GDP ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया गया था. लिस्ट में भारत की भी आने वाले वर्ष की जीडीपी का अनुमान लगाया गया था, जिसके मुताबिक 2018 में भारत की GDP 7.2% रहने की संभावना थी. गौरतलब है कि, 2017 में भारत की जीडीपी 6.7 रही थी. वहीँ साल 2019 में जीडीपी की दर के 7.4 रहने के आसार जताए गए थे.
वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन प्रॉस्पेक्ट्स के ये थे आंकड़े
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि, शुरुआत में नोटबंदी के बाद विकास दर नीचे आई थी. लेकिन अब उसमें अब पॉजिटिव संकेत मिलने शुरू हो चुके हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2010 में जीडीपी की ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फार्मेशन के शेयर में 40% की गिरावट आई थी, जिसकी वजह थी इंडस्ट्रियल सेक्टर में लो कैपेसिटी का होना, इसके साथ ही बैंकिंग-कॉर्पोरेट सेक्टर की बैलेंस शीट में भी गड़बड़ियाँ थीं. इसके साथ ही कैपिटल फार्मेशन अब घटकर 30% के नीचे आ गया, जो भारत के वित्तीय घाटे में सुधार के संकेत हैं.