उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आलू किसानों ने जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन किया है. अपना विरोध जताते हुए किसानों ने लाखों टन आलू मुख्यमंत्री आवास, विधानसभा और राजभवन के बाहर फेंक दिए हैं.
विधानसभा और सीएम आवास के सामने फेंके आलू
उत्तर प्रदेश के किसान उत्तर प्रदेश की सरकार से बेहद नाराज हैं जिसका असर आज मुख्यमंत्री आवास और विधानसभा के बाहर देखने को मिला। शनिवार की रात मुख्यमंत्री आवास और विधान सभा के सामने किसान, कुन्तलों बोरे आलू फेंक कर चले गए और सोते हुए प्रशासन को पता तक नहीं चला सका। एक तरफ पुलिस और एलआईयू सोती रही और दूसरी तरफ किसान आलू फेकते रहे। इतना ही नहीं राजभवन के सामने भी सड़कों पर आलू पड़ा मिला।
किसानों को मंडियों में 4 रुपये प्रति किलो, आलू का रेट मिल रहा है जिससे उनकी लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रही है। किसान उसका वाजिब दाम सरकार से मांग रहे हैं, और किसान चाहते हैं कि आलू का मूल्य कम से कम 10 रूपये प्रति किलो होना चाहिए।
शनिवार को तड़के जैसे ही आलू फेंकने की खबर मिली सीएम आवास और विधानसभा कि बाहर हड़कंप मच गया। वही अधिकारी अपनी इज्जत बचाने के लिए आलू उठवाने लगे। आपको बता दें की कुन्तलों बोरे आलू वाहनों के पहिए के नीचे दबकर खराब हो गया
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आलू किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय लोकदल 16 जनवरी को लखनऊ में धरना प्रदर्शन करेगा. इसके अलावा 18 जनवरी को आगरा के खंदौली में किसानों की महापंचायत का आयोजन किया जाएगा.
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दरअसल पिछले साल आलू की बंपर पैदावार होने की वजह से किसानों ने पैदावार कोल्ड स्टोरेज में रखवा दी थी लेकिन पुराने आलू की तरफ लोगों का रुख कम होने से लोग इन्हें खरीदने से कतरा रहे हैं और स्टोरेज मालिकों के पास इसे फेंकने के अलावा कोई चारा नहीं है। प्याज और टमाटर के बढ़ते दामों के बीच आलू किसानों के लिए सरकार की तरफ से कोई घोषणा नहीं हुई है।