इटावा में एक नाबालिग छात्र अपने ही पिता की एफआईआर दर्ज कराने सदर कोतवाली पहुंच गया। उसके अपने पिता से यह शिकायत थी कि उसके इटावा महोत्सव दिखाने नही ले जाते है। हालांकि पिता की शिकायत करने कोतवाली पहुंचने के अपने इस कदम से यह छात्र बेहद शर्मिंदा है। जबकि इस छात्र के पिता अपने बच्चे के इस कदम से बेहद ख़ौफ़जदा है। उनका मानना है कि उनके बच्चे के इस कदम से समाज मे गलत संदेश पहुंचेगा।
पिता की शिकायत करने नाबालिग पहुंचा थाने
इटावा जिले के करोल के रहने वाले अमर गुप्ता का यह पुत्र ओम गुप्ता शहर के सन्त विवेकानन्द स्कूल का कक्षा सात का छात्र है। तीन दिन पहले ओम अपने पिता की शिकायत करने सदर कोतवाली पहुंचा । नाबालिग ने पुलिस को बताया कि उसके पिता उसे इटावा महोत्सव दिखाने नही ले जाते है इसलिए उनको जमकर पीटो।
पुलिसकर्मियों ने बच्चों दिखाया इटावा महोत्सव
सदर कोतवाली में पिता की शिकायत करने वाले इस बच्चे के कदम से उसके पिता ने तो सबक लिया ही, साथ ही इटावा पुलिस की भी मानवीय संवेदना जाग गयी और इटावा एसएसपी के निर्देश पर थाना सिविल लाइंस व सदर कोतवाली पुलिस ने कांशीराम कालोनी के लगभग आधा सैकड़ा बच्चों को इटावा महोत्सव की सैर करायी।
पुलिस अंकल व पुलिस आंटी के साथ इन गरीब बच्चों ने इटावा महोत्सव का जमकर लुत्फ उठाया, साथ ही कोतवाली में पिता की शिकायत करने गए, छात्र ओम ने भी अपने पिता व पुलिस अंकल व पुलिस आंटी के साथ महोत्सव का आनन्द लिया। इन गरीब बच्चों ने कहा कि वो महंगे इटावा महोत्सव का इतना आंनद पहले कभी नही ले पाए थे। पुलिस भी इन इन गरीब बच्चों के साथ महोत्सव में बेहद आत्म सन्तुष्टि महसूस कर रही थी।
इटावा के एसएसपी वैभव कृष्ण का मानना है कि अपने नौकरी में व्यस्त अभिभावकों को अपने बच्चों के लिये भी समय निकालना चाहिए। उनका मानना है कि नाबालिग छात्र के द्वारा अपने पिता की शिकायत कोतवाली पहुंचना, इस बात का प्रमाण है कि आम आदमी का पुलिस पर विस्वास बड़ा है। खास तौर पर इस घटना ने यह बताया कि बच्चे पुलिस पर बेहद विश्वास करते हैं।
गुस्से में नाबालिग पहुंचे थाने
नाबालिग छात्र ओम गुप्ता के द्वारा पिता की शिकायत थाने में करने के इस कदम से कई गरीब बच्चों को इटावा महोत्सव का लुत्फ उठाने का सुअवसर पुलिस के द्वारा मिला लेकिन अपने इस कदम से छात्र ओम गुप्ता बेहद शर्मिंदा है और अब उसका कहना है कि अपने पिता के खिलाफ उसे यह कदम नही उठाना चाहिए था, माता पिता तो ईश्वर के स्वरूप होते हैं। बच्चे का कहना है कि वह गुस्से मे पिता की शिकायत करने गया था ,लेकिन अब वह ऐसा नही करेगा। जबकि ओम गुप्ता के पिता का मानना है की माता पिता बच्चो के भविष्य के लिये ही उनकी डांट फटकार लगाते हैं, अब यदि जरा सी डांट फटकार ने बच्चे थाने जाने लगेंगे तो स्थिति बेहद खराब बनेगी। लेकिन ओम के पिता यह भी मानते है कि मुझे भी अब सबक मिला है और मैं अपने बच्चे को समय दिया करूंगा।