इस कड़ाके की ठंड में प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं. स्वेटर तो अभी तक मिले नही ऐसे में छुट्टी भी नही मिली.बच्चे स्कूल जा रहे है इस कड़ाके की ठंड में जहां पारा तीन डिग्री पहुँच गया है वहां बच्चे स्कूल कैसे पहुँच रहे है और पहुँच कर कितनी दिक्कतों का सामना कर रहे है यह उनकी ठिठुरन बता रही है,बच्चों के पास ना तो पहने को स्वेटर है और वह स्कूल में जमीन पर बैठने को मजबूर है.
गलन भरी सर्दी में स्कूल जाने को मजबूर बच्चे…
जनवरी का महीना है एक तरफ जहां ठिठुरन से पूरा प्रदेश परेशान है वही राजधानी लखनऊ में बच्चों को स्कूल जाना पड़ रहा है पहले जिलाधिकारी ने लखनऊ में छुट्टी का आदेश तो दिया था लेकिन सोमवार से स्कूल फिर से खुले लगें. दिन में धूप निकल रही पर पारा लगातार गिर रहा है यहां का न्यूनतम तापमान 3 से 4 डिग्री तक रह रहा है.
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अभी तक बच्चों को नही मिले स्वेटर…
ऐसे में बच्चों का स्कूल जाना बहुत ही मुश्किल हो रहा है और स्कूल जाना ही दिक्कत भरा नहीं है दिक्कतें स्कूल जाने के बाद भी बनी रहती स्कूल पहुंचने के बाद बच्चों को जूते मोजे उतारकर क्लास रूम में चटाई पर बैठना पड़ता है जिससे बच्चे सर्दियों में ठिठुर रहे है. सरकार तमाम दावे करती है लेकिन यहा सारे दावे फेल नजर आ रहे हैं जहां अभी तक बच्चों को स्वेटर नहीं मिला ऐसे में कड़ाके की ठंड में बच्चों का जमीन पर बैठना निराशाजनक है.
सर्दी का आधा मौसम लगभग बीत चुका है लेकिन सरकार अभी तक बच्चों को स्वेटर मुहैया नही करवा पाई है, ऐसे में बच्चे ठंड में ठिठुरने को मजबूर है.स्कूल में भी बच्चों को जूते उतारकर चटाई पर बैठना पड़ता है, अभी जहां न्यूनतम तापमान 3 से 4 डिग्री के आस- पास रहता है, बच्चों को स्वेटर ना मिलना काफी निराशाजनक है.