यूपी के हाथरस जिले एक बार फिर फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया। जिले की सिकंदराराऊ तहसील के अंतर्गत आगनवाड़ी ने अधिकारियों की मिली भगत से फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां फर्जी तरीक़े से आंगनवाड़ी में कराई एक महिला की नियुक्ति आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के पद पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई। गलत तरीके से हुई नियुक्ति का मामला जब अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो विभागीय अधिकारियों में खलबली मच गई| हालांकि विभागीय अधिकारियों ने आनन-फानन में जांच के आदेश दे दिये।
बहन की नाम पर सरकारी खजाने में सेंध लगा रही थी बहन
यहां छोटी बहन सरोज देवी के कागजों पर बड़ी बहन सर्वेश को दे दी गई। आगनवाड़ी में कार्यकर्ती के पद पर नियुक्ति,12 सालों से सरकारी धन का लाभ ले रही है, आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के पद पर तैनात महिला ,विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से, मतदाता सूची में भी फर्जी तरीके से दर्ज कराया गया है।
अधिकारियों ने दिये जांच के आदेश
फर्जी नियुक्ति का मामला हाथरस की तहसील सिकन्दराराऊ क्षेत्र के गाँव दरिया पुर पोस्ट (पचो) का है। जहां सर्वेश पत्नी बरनाजी निवासी दरिया पुर सिकंदराराऊ ने अपनी सगी छोटी बहन सरोज पत्नी विजय पाल सिंह हाल निवासी नया बास टूंडला जिला (फ़िरोज़ाबाद) के शैक्षिक प्रमाण पत्रों (दस्तावेजों) को अपना दर्शाते हुये, उनका का इस्तेमाल कर आंगनवाड़ी के पद पर नियुक्ति करा ली|
वही सर्वेश ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने आपको सरोज दर्शाते हुये 2007 की निर्वाचन नामावली में अपना नाम में दर्जा करा लिया। वही सर्वेश ने स्वय को सरोज देवी पत्नी मुनेश पाल सिंह दर्शाते हुए तहसील सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव दरिया पुर आंगनवाड़ी के पद पर नौकरी पा ली। जब शिकायतकर्ता ने इस फर्जी नियुक्ति की लिखित शिकायत विभागीय अधिकारियो से की तो मामले की जाँच शुरू कर दी है।|