उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उत्तरायणी मेला 2018 भव्य शोभा यात्रा के साथ शुरू हो गया। शोभा यात्रा में पहली बार बागेश्वर के बागनाथ मंदिर की झांकी भी शामिल की गई। उसमें बाग मंदिर से लाई गई भभूत भी प्रसाद के रूप में बांटी गई। पर्वतीय महापरिषद की ओर से आयोजित उत्तरायणी मेला शनिवार शुरू हुआ है जो 20 जनवरी तक चलेगा। इस मेले की शुरुआत भव्य शोभा यात्रा के साथ हुई।
वीडियो: उत्तरायणी कौथिग मेले में इस मनमोहक नृत्य पर झूमे लोग
पर्वतीय महापरिषद के महासचिव गणेश चन्द्र जोशी ने बताया कि 10वें उत्तरायणी मेले की शुरुआत के दौरान भव्य शोभा यात्रा निकाली गई। ये शोभा यात्रा महानगर रामलीला मैदान में खिचड़ी भोज के बाद निकाली गई। शोभा यात्रा बादशाह नगर चौराहा, निशातगंज पुल, खाटूश्याम मंदिर होते हुए मेला स्थल पंडित गोविंद वल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन पहुंची। इसमें बागेश्वर के बागनाथ मंदिर की झांकी शामिल रही। शोभा यात्रा में महिलाएं पिछौड़ा और पुरुष सफेद टोपी लगाए हुए थे। यात्रा में कुर्मांचल नगर रामलीला समिति के साथ-साथ तेलीबाग, कानपुर रोड, सरोजनी नगर, कल्याणपुर, सीतापुर रोड और राजाजीपुरम के सांस्कृतिक दल भी शामिल रहे।
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पर्वतीय महापरिषद के अघ्यक्ष टीएस मनराल ने बताया कि राष्ट्रपति पुरस्कार से अलंकृत पूरन सिंह बोरा का दल छोलिया ने नृत्य पेश किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार के सहयोग से अल्मोडा से पूरन सिंह बोरा का 16 सदस्यीय छोलिया नृत्य दल, लोकप्रिय लोकगायक पप्पू कार्की, प्रह्लाद मेहरा, हीरा सिंह राणा, गोविन्द दिगड़ी, नैननाथ रावल, ललित मोहन जोशी और जागर गायिका बसंती देवी बिष्ट, मथुरा के फूलों की होली, मयूरी और चर्कुला नृत्य, बुन्देलखण्ड का राईसैरा नृत्य, राजस्थानी, असम और अवधी लोकनृत्य समेत कई आकर्षण के केंद्र हैं।
उन्होंने बताया कि भगवान शंकर की भूमि बागेश्वर में सरयू और गोमती का भौतिक और सरस्वती का लुप्त मानस मिलन है। यह स्थल उतरैणी कौथिग की गौरवमय भूमि है। जनश्रुतियों के मुताबिक चंद वंशीय राजाओं के शासनकाल में वहां माघ मेले की नींव पड़ी थी। उन्होंने बताया कि उसी परंपरा का अनुसरण करते हुए 2008 से लखनऊ में उत्तरायणी मेला की नींव रखी गई। इसके बाद से ये कार्यक्रम लगातार होता आ रहा है। मेले में मटकी फोड़, रस्सा-कसी, मेहंदी, बच्चों की चित्रकला की प्रतियोगिताएं भी होंगी। मेले के दौरान समाज के मेघावी छात्रों एवं बुजुर्ग दम्पत्तियों को सम्मानित भी किया जाएगा। मेले में कपड़ा मंत्रालय की ओर से भी भी 20 स्टॉल्स लगाए गए हैं। सातों दिन मेला स्थल पर फ्री मेडिकल कैंप लगाया लगा रहेगा।
उत्तराखंड की संस्कृति और लोक कलाओं से सजा उत्तरायणी कौथिग 2018 का आयोजन रविवार से शुरू हो गया। इस महोत्सव का आयोजन लखनऊ के गोमति तट पर भारत रत्न पंडित गोविन्द भल्ल्भ पंथ पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन पर किया गया है। मेले का विशेष आकर्षण कौथिग स्थल थीम है। इस बार भी उत्तराखंड के हर जिले की बाजार मेले की शोभा बढ़ा रही है। नौ दिनों तक चलने वाले इस मेले में उत्तराखंड की पारम्परिक लोक कला, नृत्य, संगीत की कई विधाएं देखने को मिलेंगी। मेले में क्षेत्रीय कलाकार एवं सांस्कृतिक दल भी भाग ले रहे हैं। मेले में तमाम आयोजन किये गए हैं। आयोजकों का कहना है कि इस मेले में देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी अदितनाथ, उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत तमाम लोग इस मेले में अतिथि के रूप में शामिल होंगे। आयोजकों का कहना है कि वह मांग करते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार भी इस आयोजन को बढ़ावा दे।