फर्रुखाबाद-विकास खंड नबाबगंज क्षेत्र की ग्राम सभा गठवाया के प्रधान दिनेश चंद्र ने ग्राम सभा के विकास के लिए जो सरकारी धन मिला था। उसमें उन्होंने जमकर धांधली की है। जिसका ग्राम सभा के पंचायत सदस्यों ने सबूत भी जुटा। उसके बाद विकास खंड अधिकारी से कई बार शिकायत भी की गई लेकिन उन्होंने जांच के नाम पर खानापूर्ति करके मामला रफा दफा कर दिया है।
सेम ईंटो से बन रहा शौचालय
प्रधान की पहली घपेलेबाजी सौर ऊर्जा लगाने में की है। जिस प्लेट की कीमत 10 हजार 600 रूपये थी।
लेकिन उन्होंने 10 प्लेटो को गांव में लगवाने के लिए एक सौर ऊर्जा प्लेट की कीमत 20 हजार 400 रूपये दिखाई है।
दूसरी तरफ ग्राम सभा में जो शौचालय बनाये जा रहे है। उनमें सेम ईटो का प्रयोग किया जा रहा है।
सरकार द्वारा हर ग्राम सभा में शौचालय बनाने के लिए 12 हजार की सहयोग राशि दी जाती है।
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लेकिन ग्राम प्रधान उसमे केबल आठ हजार रूपये ही लगा रहे है। इस ग्राम सभा का जबसे चुनाव हुआ है।
उस समय से लेकर आज तक कोई खुली बैठक का आयोजन नही किया गया है।
साथ ही साथ पंचायत सदस्यों के सामने किसी कार्य का कोई प्रस्ताव नही रखा गया।
जिससे सरकारी धन का दुरूपयोग किया जा रहा है।
सदस्यों ने जिलाधिकारी व सीडीओ से मांग की है। ग्राम सभा का नया प्रधान बनाया जाए।
जिससे गांव के विकास के लिए आने वाले धन का प्रयोग सही हो सके।
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नहीं कर रहा जिला प्रशासन कार्रवाई
जिले में छोटे कर्मचारी से लेकर बढ़े अधिकारियो पर से जनता का उठ रहा भरोसा क्यों-जिले के विकास के लिए जो भी धन आता है
। जब उसका गलत इस्तेमाल किया जाता है। तो जनता आवाज उठाती है तो अधिकारी जांच कराने की मीठी गोली देकर उसको शांत कर देती है।
लेकिन जो जांच करने के लिए अधिकारी कर्मचारी लगाये जाते है।
वह भी उसी घपलेवाजी के हिस्सेदार बनकर मामले को दबा देते है।
जिससे घपलेवाजी करने वालो के हौसले बुलंद हो गए है।
ग्राम प्रधानो का मानना हैकि यदि 30 लाख का घोटाला किया उसमे से 20 लाख मामला सही करने में खर्च भी हो जायेगा,
फिर भी 10 लाख तो बचेगा। कोई कार्यवाही भी नही कर सकेगा।
जब ग्राम सभा गठवाया की घपलेवाजी के बारे में जिला विकास अधिकारी से बात की गई तो
उन्होंने आन रिकार्ड बोलने से मना कर दिया कहा कि जांच हो जाने दो उसके बाद बताएंगी की घपले बाजी हुई है या नही।
जबकि पीड़ित ने सौर ऊर्जा प्लेटो की रसीदों सहित शिकायती पत्र दिया था।
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