विधानसभा और विधान परिषद की संयुक्त समिति महिला बाल विकास एवं कल्याण समिति की कई सदस्यों और सभापति के द्वारा आज जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान सभापति को मरीजों ने जिला अस्पताल से बाहर की दवाएं लिखने और अल्ट्रासाउंड बाहर से कराने की शिकायत की गई। वहीं बाथरूम में गंदगी पाए जाने पर समिति के समिति के ज्वाइंट सचिव के द्वारा महिला व पुरुष अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की जमकर फटकार लगाई, बावजूद इसके समिति के सभापति के द्वारा सब कुछ ऑल इज वेल बताया गया।

 

गाजीपुर का जिला अस्पताल जहां पर शहरी व ग्रामीण इलाको के हजारों मरीज प्रतिदिन इलाज के लिए आते हैं। लेकिन यहां पर चिकित्सा सुविधा के नाम पर भारी कमी है। 27 डॉक्टरों के सापेक्ष मात्र कुछ डॉक्टरों के भरोसे जिला अस्पताल चलाया जा रहा है। आज जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण महिला बाल विकास एवं कल्याण समिति के कई सदस्यों जॉइंट सचिव के साथ ही सभापति ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान इन सभी लोगों ने पहले इमरजेंसी वार्ड पहुंच कर मरीजों से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी हासिल की गई।

 

इसके बाद यह लोग महिला वार्ड में पहुंचे। यहां पर भारतीय मरीजों से और उनके परिजनों से मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानना चाहा तो मरीजों और परिजनों ने बताया कि हम लोगों का अल्ट्रासाउंड जिला अस्पताल से बाहर कराया गया है। साथ ही अस्पताल के पर्ची पर लिखी हुई दवाएं भी अस्पताल से बाहर खरीदना पड़ा है। इस दौरान समिति के ज्वाइंट सचिव सुरेंद्र प्रसाद ने और महिला सदस्यों ने वार्ड में बने शौचालय का भी निरीक्षण किया। लेकिन उसकी बदबू से वे लोग बाहर आ गए और फिर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एस एन प्रसाद और मुख्य चिकित्सा अधिकारी गिरीश चंद्र मौर्या की जमकर फटकार लगाई।

 

यहां तक कहा कि क्या ऐसे लैट्रिन बाथरूम का आप लोग उपयोग कर सकते हो। इस दौरान जॉइंट सचिव ने जिला अस्पताल के जनरेटर न चलने पर जनरेटर के लिए मिलने वाले तेल का हिसाब मांगा तो जिला अस्पताल के सीएमएस ने बताने में असमर्थता जाहिर की। इस पर उन्होंने जमकर फटकार लगाई इस तरह के बाद यह लोग जिला महिला अस्पताल का भी निरीक्षण किया। वहां भी कई तरह की कमियां पाईं गईं।

 

बावजूद इसके जब समिति के सभापति डॉक्टर संगीता बलवंत सिंह निरीक्षण के दौरान क्या कमियां पाई गईं तो उन्होंने पूरे निरीक्षण का जवाब कुछ इस तरह से दिया जैसे उनके निरीक्षण में कुछ मिला ही ना हो। सब कुछ ऑल इज वेल हो। बताते चलें कि समिति के सभापति गाजीपुर के सदर विधानसभा के विधायक भी हैं। जब वे विधायक बनी थी तब उन्होंने स्वयं जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था और माना था कि अस्पताल खुद ही बीमार है। ऐसे में आज का निरीक्षण और सभापति का जवाब बहुत कुछ सोचने को मजबूर करता है।

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