भारत ने रविवार सुबह स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण करते हुए इतिहास रच दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मिशन सफल रहा। इस दौरान दो स्क्रैमजेट इंजनों का परीक्षण किया गया। इस परीक्षण को लेकर अंतिम जानकारी बाद में साझा की जाएगी।
- उन्होंने बताया कि तय समयानुसार दो स्टेज/इंजन आरएच-560 साउंडिंग रॉकेट ने उड़ान भरी।
- आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अनुसंधान केंद्र से सुबह छह बजे तीन टन वजन के RH-560 सुपरसोनिक कम्बशन रैमजेट ने उड़ान भरी।
- इसमें लगाया गया इंजन एडवांस्ड टेक्नोलॉजी से लैस है।
- इसकी मदद से भारत सैटेलाइट प्रक्षेपण के खर्च में कमी कर पाएगा।
- इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह इंजन रियूजेबल लॉन्च व्हीकल को हायरपासोनिक स्पीड पर उपयोग करने में मदद देगा।
- टेस्ट के दौरान स्क्रेमजेट इंजन को 1970 में तैयार किए गए RH-560 साउंड रॉकेट में लगाया गया।
वीडियो: भारत ने किया नेविगेशन सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण!
सफलता पूर्वक हुआ स्कैमजेट इंजन का परीक्षणः
- अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज सफलतापूर्वक स्क्रैमजेट इंजन का परीक्षण किया।
- उन्होंने कहा कि इन इंजनों का सिर्फ छह सेकंड के लिए ही परीक्षण किया गया।
- स्क्रैमजेट इंजन का प्रयोग केवल रॉकेट के वायुमंडलीय चरण के दौरान होता है।
- हवा की गति प्रक्षेपण के लिए अनुकूल रहने पर रॉकेट ने सुबह 6 बजे उड़ा भरी।
- वहीं, जीएसएलवी-MK II के साथ मौसम उपग्रह इनसैट-3 डीआर का प्रक्षेपण सितंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
- भारत का रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र यहां से करीब 80 किलोमीटर दूर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) में स्थित है।
- इससे ईंधन में ऑक्सीडाइजर की मात्रा को कम करके प्रक्षेपण पर आने वाले खर्च में कटौती की जा सकेगी।
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