पाकिस्तान ने शुक्रवार को सीजफायर उल्लंघन करते हुए जम्मू कश्मीर के सांबा और राजौरी सेक्टर में भारी गोलाबारी शुरू कर दी थी. इसी गोलाबारी में बुलंदशहर के रहने वाले सीमा सुरक्षा बल की 173वीं वाहिनी के हेड कांस्टेबल जगपाल सिंह भी शहीद हो गए।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद जगपाल सिंह के परिवार को 20 लाख रूपये की आर्थिक मदद करने का ऐलान किया है। वहीं 5 लाख रूपये अलग से शहीद के माता- पिता को दिए जाएंगे। शहीद जगपाल सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए यूपी सरकार के परिवाहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह बुलंदशहर रवाना हो चुके है।
बता दें कि पिछले दो-तीन दिनों से भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगातार गोलीबारी जारी है। इस बीच जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर में पाकिस्तानी गोलीबारी में शहीद हुए बीएसएफ जवान जगपाल सिंह के घर यूपी के बुलन्दशहर के गांव भैंसोली शरीफपुर में उस वक्त मातम छा गया जब घरवालों को पता चला कि जगपाल सिंह पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हो गए।
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गुरुवार को सांबा सेक्टर में पाकिस्तान की तरफ से उनकी पोस्ट के पास एक मोर्टार शेल का धमाका हुआ।
जिसमें बुरी तरह जख्मी हो गए। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
‘हम तब तक दाह संस्कार नहीं करेंगे जब तक कोई नेता न आ’ – शहीद के भाई
शहीद के परिवार की माने तो शहादत की खबर के मिलने के बाद भी कोई विधायक या सांसद शहीद के घर नहीं पहुंचा।
इस से नाराज परिजनों ने सीएम योगी के आने तक शहीद का अंतिम संस्कार नहीं करने की बात कही है।
वहीं शहीद के भाई राम सिंह ने कहा, हम तब तक दाह संस्कार नहीं करेंगे जब तक कोई नेता न आए’
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शहीद के बेटे गौरव ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपने पिता की शहादत का बदला लेने की मांग की है।
गौरव बताते है कि अगर हमारा एक जवान मरा है तो उनके दस जवान मरने चाहिए.
वहीं शहीद के बेटे ने कहा अभी तक जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी नहीं आया है।
जब तक सीएम योगी यह नहीं आएंगे हम लोग अपने शहीद पिता का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
बता दें, कि सलेमपुर थाना क्षेत्र गांव भैसरोली नासिरपुर निवासी 53 साल के जगपाल सिंह बीएसएफ की 173 बटालियन में जवान थे. इन दिनों उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में थी. शुक्रवार शाम को परिजनों को बीएसएफ मुख्यालय से आए फोन पर सूचना दी गई कि मुठभेड़ के दौरान एक गोली लगने से जगपाल शहीद हो गए. वहीं मौत की सूचना मिलने के बाद पत्नी करतारी देवी और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।
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बताया गया कि पार्थिव शरीर शनिवार शाम तक गांव में आने की उम्मीद है। शहीद जगपाल सिंह के घर में 3 बहनें और मां हैं। वहीं शहीद के घर सांतवना देने के लिए बीजेपी के का कोई नेता नहीं पहुंचा है।