अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 57 वें तीन दिवसीय अधिवेशन का बुधवार को समापन हो गया। इस दौरान अधिवेशन में दो प्रस्ताव पारित हुए। उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ‘शिक्षा की गुणवत्ता एवं वर्तमान चुनौतियों को लेकर चलने की बात हुई।
इस दौरान प्रान्त संगठन मंत्री सत्यभान भदौरिया ने कहा कि आदिकाल, वेदकाल से जो हमारे पूर्वजों ने हमें शिक्षा दी है, उसे हमें आज अपने बच्चों को देना चाहिए और बच्चों को भारत का इतिहास बताना चाहिए। अनुशासन, सामाजिकता, समरूपता देश के लिए जीना, इन सभी चीजों का ज्ञान हमें बच्चों को देना चाहिए, ताकि बच्चों के दिल में देश के प्रति जज्बा रहे।” वैदिक काल से 18वीं शताब्दी तक भारतीय शिक्षण चिंतन का आधार धर्म तथा नैतिक जीवन मूल्यों का संरक्षण रहा। गुरु शिष्य के सात्विक गहरे संबंध, सामूहिक जीवन का बोध तथा पश्चिमी जीवन इसका मार्ग रहा।
उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को ठीक करने के लिए संगठन ने कमर कसी है। सही समय से विवि और महाविद्यालय खोल जाए। शिक्षकों को समय से पठन पाठन और पाठ्यक्रम पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के कन्धों से बस्ते का बोझ कम करने वाली प्राणाली और व्यवस्था को लागू करना चाहिए। अधिक किताबों से मानसिक बोझ बढ़ता है। जिसे घटाना सरकार और समाज की जिम्मेंदारी है। प्राथमिक शिक्षा ही बच्चों के भविष्य की नींव होती है जो पिछली सरकारों की गलत नीतियों के चलते कमजोर हो गई है।
उसमें सुधार करना अनिवार्य है। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता के सुधार के लिए सरकार को अनेक प्रकार से कार्य करने होंगें। जिससे व्यवस्था पटरी पर आए। सरकार पर लोगों का भरोसा है। शिक्षा की भारतीय पद्धति को हमेशा एक आदर्श शिक्षा प्रणाली की संज्ञा दी गयी। कारण यह भी भारतीय प्राचीन शिक्षा पद्धति नैतिक शिक्षा एवं नीतियों से परिपूर्ण थी। उसे ही लागू करवाना चाहिए।
सत्यभान ने कहा प्रदेश के विवि और महाविद्यालयों पर एक बार फिर से सफाई आभियान चलाया जायेगा। पर्यटन स्थलों और नदियों को साफ करने के लिए काम करना होगा। प्राथमिक और उच्च शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए भी उचित कदम उठाने होंगें। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक शिवनारायण, क्षेत्रीय संगठन मंत्री रमेश गढ़िया, प्रान्तीय अध्यक्ष राकेश द्विवेदी, प्रदेश मंत्री राहुल बाल्मिकी, अभिलाष मिश्रा, हरदेव बाबा समेत अनेक लोग उपास्थित रहे।
इससे पूर्व अधिवेशन के प्रथम दिन प्रस्ताविकी सत्र में चुनाव अधिकारी संजय बाजपेई के द्वारा डा. राकेश द्विवेदी को सत्र 2017-18 के लिये पुनः प्रान्त अध्यक्ष तथा राहुल बाल्मीकि को प्रान्त मंत्री के पद पर सर्वसम्मति से निर्वाचित होने की घोषणा की। प्रान्त अध्यक्ष ने नवीन प्रान्त कार्यकारिणी घोषित की जो निम्नलिखित है।
दायित्व नाम
प्रान्त उपाध्यक्ष संजय बाजपेई सीतापुर
प्रान्त उपाध्यक्ष डा. कुलदीप सिंह हरदोई
प्रान्त उपाध्यक्ष डा. नागेन्द्र प्रताप सिंह
प्रान्त उपाध्यक्ष डा. रूप नारायण गोंडा
प्रान्त कोषाध्यक्ष डा. शिव कुमार मिश्रा
विशेष आमंत्रित सदस्य डा. जेपी सिंह, लखनऊ
डा. देवानंद तिवारी, साकेत
प्रान्त सह मंत्री अनीष गुप्ता साकेत
प्रान्त सह मंत्री आशीष कश्यप, सीतापुर
प्रान्त सह मंत्री इशदीप कौर, लखनऊ
प्रान्त सह मंत्री विवेक सिंह मोनू, लखनऊ
प्रान्त सह मंत्री राहुल दीक्षित, बहराईच
प्रान्त सह मंत्री आकाश पटेल, बाराबंकी
प्रान्त छात्रा प्रमुख दामिनी, उन्नाव
प्रान्त एसएफडी प्रमुख हनुमान प्रसाद, श्रावस्ती
प्रान्त रा.कला मंच प्रमुख गौरव अवस्थी, लखनऊ
प्रान्त जनजातीय छात्र कार्य प्रमुख राजकुमार यादव, बहराईच
प्रान्त मेडिविजन प्रमुख डा. प्रतीक, लखनऊ
प्रान्त विश्वविद्यालय प्रमुख रमन सिंह, साकेत
प्रान्त थिंक इंडिया प्रमुख सिद्धार्थ शंकर दुबे,
प्रान्त एग्रीविजन प्रमुख रणंजय सिंह चैहान
प्रान्त ई-एबीवीपी प्रमुख गौरव सिंह
प्रान्त सम्पर्क प्रमुख विनय सिंह
उत्तर प्रदेश ई-एबीवीपी प्रमुख सौरभ राय, लखनऊ
प्रान्त कार्यसमिति सदस्य
रमेश गरिया, सुनील वार्ष्णेय, सत्यभान भदौरिया,डा. राकेश द्विवेदी, राहुल बाल्मीकि, डा. देवानंद तिवारी डा. जेपी सिंह, डा. संजय बाजपेई, डा. रूपनारायण, डा. नागेन्द्र सिंह, विनय सिंह, अभिलाष मिश्रा, बाबा हरदेव, पंडित शोमी शर्मा, इशदीप कौर, राजकुमार, मानस भूषण त्रिपाठी, गौरव अवस्थी, हनुमान प्रसाद, पंकज पाठक, रमन सिंह, अंकित शुक्ला, जयकरन, अंकुर गुप्ता, दीपक कुमार, आकाश पटेल, डा. प्रतीक, अनीष गुप्ता, रणंजय सिंह, राहुल चैधरी, अपूर्वम मिश्रा, दामिनी, निहारिका, डा. प्रवीण सिंह, विवेक सिंह मोनू, डा. राजकुमार मंत्री।