उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में वाल्मीकि समाज के लोगों ने एक मासूम बच्चे को नगर आयुक्त बनाया, इसके बाद उसे गधे पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क पर जुलूस निकालकर नारेबाजी की। इस दौरान गधा शोर सुनकर भागते नजर आया और बच्चा गधे से गिरते-गिरते बचा। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बच्चे को बचाया। गनीमत रही कि इस दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
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दरअसल अलीगढ़ में एक बारातघर को रैन बसेरा बनाए जाने से आक्रोशित होकर भारतीय क्रांतिकारी वाल्मीकि सेवादल के तत्वावधान में एक विरोध प्रदर्शन और जुलूस निकाला गया। जुलूस के दौरान वाल्मीकि समाज के भारी संख्या में लोग मौजूद थे। आक्रोशित लोग सड़क पर नारेबाजी करते हुए पैदल जुलूस निकाल रहे थे।
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जुलूस में एक गधा भी शामिल था। इस गधे पर एक मासूम बच्चा बैठा दिखाई दे रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बच्चे को अलीगढ़ का नगर आयुक्त बनाकर बैठाया गया था और नगर आयुक्त के खिलाफ ही यह प्रदर्शन किया जा रहा था। आक्रोशित वाल्मीकि समाज के लोगों ने नगर निगम अलीगढ़ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
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प्रदर्शन के दौरान दौरान मासूम बच्चे को गधे पर बिठाकर उसके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। प्रदर्शन के दौरान देखने को मिला कि गधा शोर-शराबे से अचानक भाग खड़ा हुआ। इस दौरान बच्चा गिरते-गिरते बचा। लोगों का कहना है कि प्रदर्शन तो ठीक है, लेकिन बच्चे को गधे पर बैठाना सरासर गलत है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या स्थानीय पुलिस बच्चे के साथ जीवन बच्चे के जीवन के साथ खिलवाड़ करने वाले प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई करती है या नहीं?