राजनीति और प्रशासन आपस में किस तरह जुड़ चुके हैं, इसका सभी को पता है। आये दिन हमें राजनेता और सरकारी अधिकारी के बीच टकराव की खबरें सुनने को मिलती रहती हैं। इस बार इस विवाद में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी और पार्टी विधायक का नाम सामने आया है। सपा विधायक ने अपने ही क्षेत्र के सरकारी अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जो पूरे उत्तर प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुका है। हर तरफ बस सपा विधायक के इसी काम की चर्चाएँ हो रही है।
थानाध्यक्ष के खिलाफ सपा विधायक दे रहे धरना :
समाजवादी पार्टी के जंगीपुर से विधायक वीरेंद्र यादव ने यहाँ के थानाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सपा विधायक ने थानाध्यक्ष पर बिना रिश्वत लिए कोई काम न करने का और जनता के लिए हिटलरशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। सपा विधायक ने कहा कि इस सरकार में कुछ भी सही से नहीं हो रहा है, तभी तो सत्ता पक्ष के विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना दे रहे हैं। इस मामले पर सीओ ने कुछ और ही कहानी बताई है। उनका कहना है कि थानाध्यक्ष अवैध ईंट-भट्टों वालों के खिलाफ इस समय अभियान शुरू किये हैं इसी कारण सपा विधायक उनके खिलाफ धरना दे रहे हैं।
सपा विधायक बना रहे दबाव :
समाजवादी पार्टी के विधायक जानते हैं कि सरकार उनकी नहीं है इसी कारण वे धरना प्रदर्शन करने पर बैठ गये हैं। वे अब नेताओं का पुराना हथकंडा अपना रहे हैं जिससे सरकार पर दबाव बनाया जा सके। सपा विधायक के इस धरने में प्रदेश महामंत्री और पूर्व विधायक राजेंद्र यादव भी शामिल हुए थे। इसके साथ ही प्रधानसंघ के अध्यक्ष भयंकर सिंह यादव ने उनके साथ स्थानीय थाने से 100 मीटर दूर धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद सपा नेताओं ने सड़क पर उतर कर जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।