जिलाधिकारी मोनिका रानी ने आज अधिकारियों के साथ तहसील सदर का निरीक्षण किया। इस दौरान राजस्व वसूली कम होने व अभिलेख अपूर्ण मिलने से डीएम का पारा चढ़ गया। गुस्साई डीएम एसडीएम के अनुरोध के बावजूद कुर्सी पर नहीं बैठीं और बेंच पर बैठकर ही अभिलेख देखा। उन्होंने राजस्व लेखाकार के खिलाफ कार्रवाई व अन्य कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने राजस्व लेखाकार गुरुचरनदास से विभिन्न मदों में राजस्व वसूली के संबंध में पूछताछ की। एक भी रजिस्टर पूर्ण नहीं मिला। अभिलेखों में कमियां होने से डीएम नाराज हो गईं। वह लेखाकार के सामने पड़ी बेंच पर बैठ गईं। डीएम ने कहा ‘तहसीलदार साहब काफी संख्या में आरसी रामभरोसे पड़ी हैं। आदमी मर गया अथवा खप गया इसका कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है। राजस्व लेखाकार का काम ठीक नहीं है। इनके खिलाफ कार्रवाई होगी।‘ इसके बाद उन्होंने सहायक लेखाकार हर्ष कुमार श्रीवास्तव, बीना श्रीवास्तव व कामिनी श्रीवास्तव से भी पूछताछ की। काम संतोषजनक न मिलने पर डीएम ने सभी कर्मचारियों को बदलने के निर्देश दिए। उन्होंने शिकायत रजिस्टर पर पीड़ित का मोबाइल नंबर दर्ज करने के निर्देश दिए। समाधान दिवस, एंटी भू माफिया आदि रजिस्टर भी देखे।

रिकार्ड रूम व अन्य कार्यालयों का भी निरीक्षण किया। बाढ़ से निपटने के लिए रखे उपकरण देखे। तहसील में छत पर रखी पानी की टंकियां खुली और उनमें गंदगी पाए जाने पर डीएम ने तहसीलदार को फटकार लगाई। डीएम ने निरीक्षण के दौरान टापटेन बकायेदारों पर कार्रवाई न होने से नाराजगी जताई। मेरापुर थाना क्षेत्र के गांव भूड़नगरिया निवासी सपा के पूर्व राज्य मंत्री नरेंद्र ¨सिंह यादव के पुत्र सचिन यादव टापटेन बकायेदारों की सूची में सबसे ऊपर हैं। उन पर 32 लाख रुपये बकाया है।

जिलाधिकारी मोनिका रानी ने निरीक्षण के बाद बताया कि सदर तहसील में अमीन संग्रह का काम बहुत ही खराब है कोई भी कागज पूर्ण नही मिला है। दूसरी तरफ सरकारी वसूली को लेकर भी उन्होंने कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए है। जिले में जो 10 बड़े बकायेदार है उन पर जल्द कार्यवाही की जाएगी क्योंकि मैने जब रजिस्टर चेक किये तो प्रतिदिन का लेखा जोखा सही नही मिला है जो सरकारी अभिलेख है उनकी जिल्दबन्दी भी नही कराई गई है। उसका कार्य जल्द पूर्ण कराया जायेगा जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।

 

थाने का भी किया निरीक्षण

फर्रूखाबाद जिलाधिकारी ने मऊदरवाजा थाने का निरीक्षण किया। थाना परिसर में निर्माणाधीन हास्टल में अमानक निर्माण होते देख डीएम दंग रह गईं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। परिसर में खड़े 34 लावारिस वाहनों की नीलामी कराई जाएगी।
जिलाधिकारी मोनिका रानी, एडीएम गुलाब चंद्र व एसडीएम सदर अजीत कुमार सिंह के साथ मऊदरवाजा थाने पहुंचीं। पुलिस कर्मियों ने उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर दिया। डीएम ने थानाध्यक्ष को थाने में खड़े 34 लावारिस वाहनों की नीलामी प्रक्रिया शीघ्र शुरू कराने का निर्देश दिया। उन्होंने एंटी भू-माफिया कार्रवाई के लिए पुलिस कर्मियों के रवाना होने से पूर्व जीडी में रवानगी न करने पर भी आपत्ति जताई। थाने के सभी अभिलेखों को देखा। मालखाने में रखी बुलेटप्रूफ जैकेट गंदी थीं। डीएम के पूछने पर थाना प्रभारी ने उन्हें बताया कि हवालात में कोई बंदी नहीं है और न ही कोई हिरासत में बैठा है। डीएम ऊपर गईं तो एक युवक सहित दो लोग बैठे दिखाई दिए। एक पुलिस कर्मी उनकी निगरानी में था। पोल खुलती देखकर थाना प्रभारी ने बताया कि यह लोग पूछताछ के लिए बुलाए गए हैं। डीएम ने पुलिस आवासों पर रखी पानी की टंकियों की सफाई कराने को कहा। डीएम ने पत्रकारों को बताया कि निर्माणाधीन पुलिस हास्टल में कुछ खामी मिली है। उसकी जांच करवाकर कार्रवाई होगी। घटनाएं रोकने को सिपाहियों से बीट सूचनाएं दर्ज कराने के लिए कहा गया। चैकीदारों की समस्याएं भी निस्तारित होंगी।

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