यूपी गवर्नर राम नाईक शनिवार को कानपुर विश्वविद्यालय में सूबे की सभी यूनिवर्सिटीज के कुलपति के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे।राज्यपाल ने कुलपतियों के प्रान्तीय सम्मेलन में विचार विमर्श के बाद दो बड़े ऐलान किए। पहला कि अगले सत्र से सभी यूनिवर्सिटीज मेें छात्र संघ चुनाव कराये जायेगें और दूसरा यूपी बोर्ड की तरह यूनिवर्सिटीज में भी नकल विहीन परीक्षायें कराने के लिये सभी परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी से माॅनिटरिंग करायी जायगी। कहा कि सभी विश्वविद्यालय अपनी-अपनी छात्र संख्या के हिसाब से ई-गर्वनेन्स का इन्तजाम करेगी। परीक्षा परिणाम के साथ ही अब विद्यार्थियों को मार्कशीट दी जायेगी।

 

अन्तर्राष्ट्रीय रैंकिंग हासिल करना अभी दूर की कौड़ी

बतौर राज्यपाल राम नाईक उत्तर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। इस नाते उन्होंने खेद जताया कि यूपी के विश्वविद्यालयों के लिये अन्तर्राष्ट्रीय रैंकिंग हासिल करना अभी दूर की कौड़ी है। फिर भी उन्होंने कुलपतियों को निर्देश दिये कि वे दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों से प्रतिस्पर्धा करें ताकि आने वाले वक्त में वे अन्तर्राष्ट्रीय रैंकिंग के लिये भी अपना दावा प्रस्तुत कर सकें। उन्होंने दीक्षान्त समारोहों का समय से कराना भी यूपी की यूनिवर्सिटीज के लिये एक बड़ी उपलब्धि बताया है।

 

सर्वोच्च न्यायालय लेगी योग्य निर्णय

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक का मानना है कि अयोध्या मसले पर यदि दोनों पक्षों पर कोई आपसी सहमति बनती है तो उसे सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जा सकता है और सर्वोच्च न्यायालय ही योग्य निर्णय ले सकती है। यूपी गवर्नर राम नाईक शनिवार को कानपुर विश्वविद्यालय में सूबे की सभी यूनिवर्सिटीज के कुलपति के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे थे। अपनी स्वभाव के अनुरूप उन्होने मीडिया से संवाद किया। अयोध्या मसले पर सामने आये ताजा अपडेट पर जब उनकी प्रतिक्रिया पूछी गयी तो उन्होने अपने पद की मर्यादा के अनुरूप सधी टिप्पणी में कहा कि सुप्रीम कोर्ट की अपनी अलग कार्यप्रणाली होती है। यदि दोनों पक्षकारों के संयुक्त सुझाव से कोर्ट को अवगत कराया जाएगा तो कोर्ट निश्चित तौर पर योग्य निर्णय लेगी।

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