उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय शेष है। इसी के साथ प्रदेश में चुनावी सरगर्मी शुरू हो गई है। लोगों को लुभाने के लिए अखिलेश सरकार ने लैपटॉप के बाद अब स्मार्टफोन का सहारा लिया है। प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि फ्री लैपटॉप के बाद अब लोगों को स्मार्टफोन दिये जाएंगे, लेकिन इस बार एक शर्त भी रखी गई है। फ्री स्मार्टफोन के लिए आवेदन तो अगले महीने से शुरू हो जाएंगे, लेकिन स्मार्टफोन अगले साल की दूसरी छमाही से मिलेगा। साफ है कि अगर समाजवादी पार्टी दोबारा सत्ता में आई तो वह इस वादे को पूरा करेगी।
- सीएम अखिलेश यादव द्वारा गरीबों और किसानों को मुफ्त में स्मार्ट फोन बांटने का फैसला किया है।
- प्रदेश की समाजवादी सरकार के इस चुनावी पैंतरें का विरोध भी शुरू हो चुका है।
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मेरठ सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने इस मामले की चुनाव आयोग से शिकायत की है।
- राजेन्द्र अग्रवाल ने अपने शिकायती पत्र में कहा है कि अखिलेश यादव द्वारा यह घोषणा आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले की गई है।
- फोन के लिए रजिस्ट्रेशन चुनाव से पूर्व तथा स्मार्ट फोन का वितरण चुनाव के बाद करने की बात कही है।
- ऐसा करके अखिलेश यादव ने आदर्श आचार संहिता के कालखंड का भी अपनी घोषणा में समावेश कर लिया है।
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सपा को जिताने के लिए, स्मार्टफोन का प्रलोभनः
- भाजपा सांसद ने कहा कि सीएम अखिलेश यादव प्रदेश की जनता को मुफ्त स्मार्टफोन दे रहें हैं।
- प्रदेश सरकार ने स्मार्ट फोन देने के लिए लोगों से पंजीकरण कराने का आग्रह किया है।
- लेकिन यह स्मार्टफोन 2017 विधानसभा चुनाव में सपा की जीत के बाद वितरित किये जायेंगे।
- अग्रवाल ने आरोप लगाया कि यह घोषणा सपा को चुनाव में फायदा पहुंचाने मकसद से दिया गया पूर्व प्रलोभन है।
- इसी मकसद से रजिस्ट्रेशन तो अगले माह से ऑन लाइन प्रारंभ हो रहा है, लेकिन फोन अगले साल की दूसरी छमाही से देने की बात की जा रही है।
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