भारतीय जनता पार्टी ने आज प्रधानमंत्री के प्रति जाति सूचक शब्द प्रयोग किए जाने की घोर भर्तसना की है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने आज कहा कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव तथा सांसद नरेश अग्रवाल द्वारा प्रधानमंत्री के नाम को एक कार्यक्रम के दौरान जाति से जोड़ जाने की घोर निन्दा की है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी को नरेश अग्रवाल के इस बयान के लिए क्षमा मांगना चाहिए। डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि भारत का प्रधानमंत्री किसी जाति का नहीं होता बल्कि वह भारत का गौरव है तथा 125 करोड़ देशवासियों की आत्मशक्ति उसमें बसती है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रायः हमारे को लोेकप्रिय प्रधानमंत्री इस बात को उघृत भी करते है कि वह देश के 125 करोड़ लोगों की ताकत रखते है।
डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि सपा जति-पांति की राजनीति करती है तथा जाति-पांति की राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए समाज में भेदभाव तथा आपसी मतभेद पैदा कर अपने राजनीतिक स्वार्थ को पूरा करते है। यही कारण है कि सपा के राष्ट्रीय महासचिव जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति प्रधानमंत्री जी को भी जाति के खांचे में देखने की सतही सोच और भावनाओं से ग्रस्त है। डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि आज भारत के प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी पूरे विश्व में भारत व भारतीयता का परचम फहराने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके अहर्निश परिश्रम का परिणाम है कि भारत के योग दर्शन को वैश्विक मान्यता मिली तथा 21 जून को पूरी दुनिया ने योग दिवस के रूप में स्वीकार किया।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जो कहते है उसे धारण करते है जिसका परिणाम है कि आज दुनिया के सबसे ताकतवर मुल्कों के राष्ट्रध्यक्ष दावोस में प्रधानमंत्री मोदी को सुनने के लिए एकत्र होते हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जब मोदी के नेतृत्व में भारत पुनः विश्वगुरू पद पर प्रतिष्ठित होने के लिए तेजी से आगे बढ रहा है। ऐसे में संकुचित राजनीतिक सोच के लोग आज भी जाति के खांचे में भारत के प्रधानमंत्री को देखते जो हास्यस्पद तथा निन्दनीय है। उन्होंने कहा कि नरेश अग्रवाल को सार्वजनिक रूप से अपने वक्तव्य के क्षमा मांगनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि संकुचित जाति-पांति की राजनीति करने वाले लोगो की राजनैतिक दुकानें अब प्रदेश व देश की जनता पूरी तरह बंद करने वाली है।