आम आदमी पार्टी के नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एक बार फिर जज लोया की मौत पर सवाल उठाया है। उन्होंने बताया कि देश के मशहूर फोरेंसिक एक्सपर्ट डॉ आर के शर्मा के अनुसार जज लोया की मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई है। मोदी सरकार जज लोया की हत्या पर पर्दा क्यों डालना चाहती है, इस बात को पूरा देश समझ रहा है। मोदी सरकार में न्याय करने वालों को ही न्याय नहीं मिल पा रहा है, ये बड़े दुर्भाग्य की बात है।

हाल ही में सप्रीम कोर्ट के जजों ने सामूहिक प्रेस वार्ता कर लोकतंत्र खतरे में होने की बात कही थी। जज की मौत पर उठ रहे गंभीर सवाल और जजों की सामूहिक प्रेस वार्ता इस बात को स्पष्ट करती है कि मोदी सरकार स्वतंत्र संस्थाओं को भी संवैधानिक तरीके से काम नहीं करने दे रही है। देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं पर कब्ज़ा कर रखा है।

मोदी सरकार की इस तरह की कार्यप्रणाली देश के लिए खतरनाक साबित हो रही है। उन्होंने कहा यदि जल्द ही जज की हत्या पर न्याय नहीं मिला तो न्याय पालिका, शाह पालिका बन जाएगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोकतंत्र की आवाज को दबाने पर तुली है, कुशासन के खिलाफ विपक्ष की लड़ाई को रोकने के लिए सरकारी मशीनरी और एजेंसियों का दुरूपयोग कर रही है।

मोहन भागवत के बयान पर तीखी टिप्पणी

“आरएसएस के कार्यकर्त्ता सेना से ज्यादा सक्षम है” मोहन भगवत के इस बयान पर संजय सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया करते हुए कहा कि आरएसएस लोकतंत्र और संविधान को न मानने वाले लोगों का संगठन हैं, इनका राष्ट्र से कोई लेना देना नहीं है, 52 वर्षों तक आरएसएस ने अपने नागपुर मुख्यालय पर तिरंगा नहीं फैलाया। मोहन भागवत ने घटिया बयान देकर सेना का मजाक उड़ाया है और सैनिकों का मनोबल गिराने का कार्य किया है। मोहन भागवत को सेना से तत्काल माफ़ी मांगनी चाहिए।

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