उत्तर प्रदेश के फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा होते ही सभी पार्टियों में हलचल मच गई है। बहुजन समाज पार्टी ने उपचुनाव न लड़ने का अपना रिकॉर्ड कायम रखा है और मुमकिन है कि इस उपचुनाव में पार्टी कोई प्रत्याशी नहीं उतारेगी। हालाँकि बसपा सुप्रीमों मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियां करते हुए सपा परिवार की 1 सीट से अपने लोकसभा प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।
बसपा ने उपचुनाव से बनाई दूरी :
2019 के आगामी लोकसभा चुनावों के पहले सभी पार्टियों के लिए गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव साख का सवाल रहने वाला है। भाजपा के ऊपर अपनी इन दोनों सीटों को बनाये रखने का दबाव है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के लिए इस उपचुनाव का नतीजा 2019 की तस्वीर साफ़ कर देगा। कांग्रेस भी अंदरखाने में अपनी तैयारियों में लगी हुई है। हालाँकि बसपा का उपचुनाव न लड़ने का रिकॉर्ड रहा है और इस बार भी उसके उपचुनाव न लड़ने की चर्चाएँ हैं। इसके विपरीत अन्य दल अगले महीने होने वाले उपचुनाव को लेकर ताबड़तोड़ रैलियाँ करने की योजना बना रहे हैं।
मायावती ने घोषित किया प्रत्याशी :
फूलपुर और गोरखपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव से दूरी बनाते हुए बसपा प्रमुख मायावती 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियां कर रही है। इसी क्रम में उन्होंने आज बहुजन समाज पार्टी से 1 लोकसभा के प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है। आजमगढ़ के जोन इंचार्ज डा. राम कुमार कूरिल ने प्रत्याशी के नाम की घोषणा की है। आजमगढ़ की लालगंज सुरक्षित सीट से पूर्व मंत्री घूरा राम को बसपा प्रत्याशी बनाया गया है। इस तरह पूर्व सांसद डा. बलिराम इस बार बहुजन समाज पार्टी का उम्मीदवार बनने से वंचित हो गए हैं। अब देखना है कि 2019 के चुनाव में बसपा का इस सीट पर कैसा प्रदर्शन रहता है।