वाराणसी में संत श्रीश्री रवि शंकर ने राम जन्मभूमि अयोध्या में ही भव्य राम मंदिर बनने का भसोसा जताया है। उन्होंने मंगलवार को ओम अनुग्रह यात्रा के रवाना होने से पहले पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ओम अनुग्रह यात्रा काशी से अवध तक जाएगी।
श्रीश्री ने कहा कि इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए सौहार्दपूर्ण वातावरण में एक-दूसरे पर भरोसा जताते हुए बातचीत से ही समाधान तलाशना होगा। चौकाघाट स्थित सांस्कृतिक संकुल में आयोजित संत समागम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम आज एक विचित्र स्थित में पहुंच गए हैं। कुछ हिंदू संत कह रहे हैं कि राम जन्म भूमि मामले में न्यायालय का आदेश ही सर्व मान्य होगा, ऐसे ही विचार कुछ मुस्लिम के भी है। कोर्ट में किसी एक ही पक्ष की जीत होगी। वहीं हारने वाले के दिल में हमेशा के लिए द्वेष की भावना जाग उठेगी, जिसका दुष्परिणाम अगले सौ-डेढ सौ वर्ष बाद समाज को भुगतना पड़ सकता है।
उन्होंने अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद पर कहा कि जिस स्थान से 100 करोड़ लोगों की आस्था जुड़ी हो उसका सम्मान होना ही चाहिए। 100 करोड़ लोगों के सम्मान से अधिक मूल्यवान जमीन का एक टुकड़ा नहीं हो सकता। इस बात से दोनों वर्ग के अधिकांश लोग तो सहमत हैं, लेकिन समाज में अब भी कुछ दुर्योधन हैं, जो एक इंच जमीन भी नहीं छोडऩा चाहते। इसके लिए वे मर-मिटने को भी तैयार हैं। जरा इतिहास उठाकर देखें, ये लोग महाभारत के दुर्योधन की ही बातें दोहरा रहे हैं। इसे न तो धर्म मानेगा, न जनता और न ही ईश्वर। यह विचार आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक तरह से निर्णय तो कर ही दिया है। अब एक एकड़ से भी कम जमीन बची है। यदि मुस्लिम समाज सौहार्द के तौर पर हिंदुओं को यह दे देता है, तो हिंदू समाज उन्हें दूसरी जगह मस्जिद के लिए जमीन उपलब्ध करा देगा। संघर्ष की बजाय हमें प्रेम व सौहाद्र्र से जमीन के लेन-देन की बात आपस में करनी चाहिए। हम लंबा संघर्ष करके देख चुके हैं, क्या हासिल हुआ। मेरा प्रयास शांतिपूर्वक वार्ता कर मामला सुलझाने का है, जो संतों के आशीर्वाद से जरूर सफल होगा। देश दुनिया में बढ़ रही हिंसा, अत्याचार, भ्रष्टाचार को थामने के लिए कानून की जरूरत तो है साथ ही दिलों को भी बदलने की भी जरूरत है। ये सिर्फ धर्म से होगा, आध्यात्म से होगा। इसके लिए संत समाज प्रयास कर रहा है। अब इसमें और भी तेजी लाने की जरूरत है।
श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि हमारे अभियान को देश भर से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। इस मामले में सिर्फ सियासी लोग विरोध कर रहे हैं, बाकी तैयार हैं। उनके धर्म ग्रंथ में भी है कि दूसरी जगह मस्जिद निर्माण कर सकते हैं। वाराणसी में सांस्कृतिक संकुल में संत समागम का आयोजन किया गया। इसमें आर्ट ऑफ लिविंग के श्रीश्री रविशंकर ने भी हिस्सा लिया। माना जा रहा था कि संत समागम में राम मंदिर निर्माण पर चर्चा होगी। ऐसा नहीं हुआ। इस संत समागम चर्चा में मुस्लिम धर्म गुरु शामिल नहीं हुए।
रविशंकर ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर पर बातचीत सही दिशा में हो रही है। इसका अच्छा नतीजा निकलेगा। उन्होंने कहा कि बड़ा काम है, चार-छह महीने से प्रयास चल रहा है। बहुत आशाजनक है। देश भर के लोगों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। अभी हम यहां आए हैं और संत समागम का मतलब वही है। श्रीश्री ने कहा कि पटरी से उतर चुके लोगों को पटरी पर लाने के लिए सभी संतो से सलाह लेंगे। अब हमारे समाज में धर्म की स्थापना कैसे हो, इस पर विचार करते है।
राम जन्मभूमि विवाद पर श्रीश्री रविशंकर बोले कि कोर्ट में किसी की हार होगी, किसी की जीत होगी। जिसकी हार होगी वह तो मन में द्वेष रखेगा। सौ वर्ष बाद हारा हुआ पक्ष सोचेगा कि हमारे साथ अन्याय हुआ है, फिर तोड़-फोड़ होगी। उन्होंने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्णय दे दिया है कि एक एकड़ की बात पर आप सौहार्द के लिए देंगे हिंदुओं को और हिन्दू भी आपको एक और जगह देंगे। संघर्ष तो हो गया, सौहार्द के तौर पर करेंगे तो हमेशा के लिए समस्या हल हो जाएगी।
……………………………………………………………………………….
Web Title : Sri Sri Ravi Shankar said Ram mandir built in Ayodhya
Get all Uttar Pradesh News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment,
technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India
News and more UP news in Hindi
उत्तर प्रदेश की स्थानीय खबरें . Hindi News पढ़िए और रखिये अपने आप को अप-टू-डेट |
(News in Hindi from Uttar Pradesh )
Hindi News से जुडी अन्य ख़बरों की जानकारी के लिए हमें फेसबुक पर ज्वाइन करें और ट्विटर पर फॉलो करें
………………………………………………………………………………..