होली के त्योहार में खुशियां मनाने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं, कोई कपड़े फाड़ता है, कोई कीचड़ फेंकता है तो कोई आने जाने वाले राहगीरों को तंग करता है। और ऐसे में अपनी खुशी के चक्कर में लोग दूसरों की स्वतंत्रता भूल जाते हैं जिससे आपस में विवाद उत्पन्न हो जाने का खतरा मंडराने लगता है। वास्तव में त्योहार इंजॉय करने के लिए एक दूसरे को सुरक्षित रखते हुए सम्मान के साथ होली इंजॉय करने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही महिलाओं व लड़कियों के सम्मान का ध्यान रखना चाहिए।
होली एक उत्साह, खुशी और मिलन का त्योहार है इसलिए एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखते हुए, बिना किसी द्वेष भाव के होली का आनन्द लेना चाहिए। शराब पीकर जिक-जैक कर गाड़ी नहीं चलानी चाहिए, इससे आपको स्वयं और दूसरे को भारी नुकसान हो सकता है। आपको बता दें कि यह राय है राजधानी के लोगों की ऐसे तमाम हिन्दुस्तानियों के लिए जो होली के त्योहार का मतलब और मायने भूल चुके हैं।
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सामाजिक संस्थाओं की मदद से बच्चो ने मनाई होली
वैसे हिंदुस्तान के लोगों के लिए होली के रंगों के मायने अलग-अलग होते हैं। सब अपने-अपने तरीके से होली मनाते हैं। कुछ लोग होली एन्जॉय करने के लिए हजारों रूपये शराब पीने में उड़ा देते हैं, तो कुछ परिवारों को गुलाल खरीदने के लिए पैसे नसीब नहीं होते। मायूस चेहरे से लोगों को रंग खेलते देख मासूमों की आंखें होली खेलने को तरस जाती है। लेकिन राजधानी लखनऊ में इसके उलट कुछ अलग नजारा देखने को मिला।
राजधानी लखनऊ के कुछ सामाजिक संस्थानों ने इन मासूमों के चेहरे पर खुशियां लौटाई है। इन संस्थाओं बदौलत गरीब बस्तियों में रहने वाले बच्चों ने जमकर होली मनाई। इन समाजसेवी संस्थाओं की मदद से इन बच्चों की खुशियां दोगुनी हो गई होली के मौके पर बच्चों ने आपस में रंग लगा कर और डीजे पर डांस कर जमकर होली मनाई।